Saturday, December 21, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. राजस्थान
  3. खतरे में राजस्थान सरकार? गहलोत और पायलट के समर्थक विधायकों में तीखी बयानबाजी

खतरे में राजस्थान सरकार? गहलोत और पायलट के समर्थक विधायकों में तीखी बयानबाजी

राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की तल्खी इस कदर बढ़ गयी है कि दोनों ही नेताओं के समर्थक विधायक एक दूसरे पर तीखी टिपण्णी करने से नहीं चूक रहे हैं।

Reported by: Manish Bhattacharya @Manish_IndiaTV
Published : June 23, 2021 16:39 IST
खतरे में राजस्थान सरकार? गहलोत और पायलट के समर्थक विधायकों में तीखी बयानबाजी
Image Source : FILE खतरे में राजस्थान सरकार? गहलोत और पायलट के समर्थक विधायकों में तीखी बयानबाजी

जयपुर: राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट की तल्खी इस कदर बढ़ गयी है कि दोनों ही नेताओं के समर्थक विधायक एक दूसरे पर तीखी टिपण्णी करने से नहीं चूक रहे हैं। निर्दलीय विधायक और अशोक गहलोत के खास माने जाने वाले रामकेश मीणा ने जहां सचिन पायलट को बाहरी करार दिया है तो वहीं दूसरी तरफ सचिन पायलट के समर्थक विधायक इंद्राज गुर्जर ने भी रामकेश मीणा पर जमकर हमला बोला।

इंद्राज गुर्जर ने रामकेश मीणा पर पलटवार करते हुए कहा कि 'सचिन पायलट बाहरी नहीं हैं। सचिन भारी है, शेर का शिकार करने के लिए कमजोर लोगों का एक गुट बनता है लेकिन वो शेर का शिकार कभी नहीं कर पाते। रामकेश मीणा 'बेगानी शादी में अब्दुल्ला दीवाने' वाला काम कर रहे हैं। कांग्रेस के अंदरूनी झगड़े में रामकेश मीणा कौन होते हैं, कांग्रेस को सलाह देने वाले?'

इंद्राज गुर्जर ने कहा कि 'रामकेश मीणा कह रहे हैं कि उनके समर्थन से सरकार बची हुई है लेकिन हम खुद बीएसपी को मिलाकर के 107 लोग हैं, हमें निर्दलीय विधायकों के समर्थन की जरूरत ही नहीं है।' राजस्थान के सियासी घमासान में इस तरह की बयानबाजी दोनों तरफ से देखने को मिल रही है। इसके साथ ही सोशल मीडिया के जरिए भी नेता अपनी ताकत दिखा रहे हैं। 

इसी बीच कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सोनिया गांधी को चिट्ठी भी लिखी है। इस चिट्ठी में लिखा गया है कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने महज 21 सीट से प्रदेश नेतृत्व और कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत से 101 सीटें हासिल की और राजस्थान में सरकार बनाई। निर्दलीय और बसपा विधायकों ने कांग्रेस सरकार को समर्थन दिया, जिसका हमने स्वागत किया।'

चिट्ठी में लिखा गया है कि 'लेकिन, सरकार के स्तर पर हमारे क्षेत्रों में कांग्रेस सरकार के ढाई वर्ष के कार्यकाल में अधिकारियों की नियुक्ति से लेकर नगरपालिका में पार्षदों के मनोनयन तक, इन्हीं निर्दलीय और बसपा विधायकों की भागीदारी रही जबकि हम कांग्रेस प्रत्याशियों की भागीदारी नाम मात्र भी नहीं रही।'

चिट्ठी में कहा गया, 'इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं और मतदाताओं, जिन्होंने 2018 के विधानसभा चुनाव में इन क्षेत्रों में कांग्रेस पार्टी को वोट दिया था, उनकी सुनवाई सरकार में नहीं हो पाई है।' चिट्ठी में यह भी लिखा गया है कि 'बसपा से कांग्रेस में आए 6 विधायक और 13 निर्दलीय विधायकों की जरूरत सरकार को नहीं है। ये सभी विधायक भेदभाव पूर्ण और दमनकारी रवैया अपनाते हैं।

बता दें कि प्रदेश में सरकार चलाने के लिए 101 विधायक कांग्रेस के जीते हुए हैं। कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है। हालांकि, इस लेटर बम और दोनों तरफ से तेज होती बयानबाजी किस गुट को कितना फायदा पहुंचाएगी, यह वक़्त ही बताएगा। लेकिन, सचिन पायलट और अशोक गहलोत, दोनों ने ही अभी एक दूसरे पर कोई बयानबाजी नहीं की है। इन दोनों नेताओं की चुप्पी ठीक उसी तरीके से है, जैसे तूफान आने से पहले की शांति होती है।

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। News in Hindi के लिए क्लिक करें राजस्थान सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement
detail