जयपुर: सचिन पायलट पर कांग्रेस पार्टी के एक्शन के बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्यपाल कलराज मिश्र से मुलाकात की और उन्हें वर्तमान राजनीतिक परिस्थिति से अवगत कराया। राज्यपाल से मुलाकात के बाद अशोक गहलोत ने कहा कि ये षड्यंत्र पिछले 6 महीने से चल रहा था और इन सबके पीछे बीजेपी का हाथ है। उन्होंने कहा, "सरकारें पहले भी बदली हैं लेकिन तब लोकतंत्र मजबूत होता रहा है। राजीव गांधी भी हारे हैं। पहली बार धन बल के आधार पर सरकार गिराने का प्रयास किया जा रहा है जो लोकतंत्र के लिए खतरा है लेकिन जनता अब बीजेपी का खेल समझ चुकी है।"
उन्होंने आगे कहा, "इस पूरे खेल के पीछे का मैनेजमेंट बीजेपी के हाथ में था। वहीं से सरकार को अस्थिर करने की साजिश रची जा रही थी। फ्लोर टेस्ट की मांग करना यह साफ दर्शाता है कि वह बीजेपी के इशारों पर चल रहे हैं पार्टी फॉरम में इस तरह की डिमांड नहीं होती है नाराजगी होती है तो पार्टी में बैठ कर की चर्चा की जाती है अगर उन्हें मुख्यमंत्री से ऐतराज था तो वह अपनी बात विधायक दल की बैठक में आकर बोलते।"
गहलोत ने कहा कि मजबूरन आलाकमान को उन्हें बर्खास्त करने का निर्णय लेना पड़ा। गहलोत ने कहा, "हम खुश नहीं है बड़े दुख की बात है हमको मजबूरन होकर निर्णय लेना पड़ा। हमने एक बार ही नहीं दो दो बार विधायक दल की बैठक बुलाई आज विशेषकर विधायक दल की बैठक उनके लिए बुलाई गई थी लेकिन वह नहीं आए।"
बता दें कि कांग्रेस पार्टी ने बड़ा एक्शन लेते हुए सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष पद और उपमुख्यमंत्री के पद से हटा दिया है। साथ ही पायलट समर्थक मंत्रियों को भी हटाया गया है।
सचिन पायलट के अलावा विश्वेंद्र सिंह और रमेश मीणा को मंत्रिमंडल से बाहर निकाला गया है। रणदीप सुरजेवाला ने घोषणा करते हुए बताया कि सचिन पायलट की जगह अब राजस्थान के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह को राजस्थान कांग्रेस कमेटी का नया अध्यक्ष बनाया गया है।
इसके अलावा युवा विधायक गणेश गोगरा को राजस्थान प्रांत युवा कांग्रेस का नया अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा हुई है तथा हेम सिंह शेखावत को राजस्थान प्रदेश सेवादल का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है।