Highlights
- पिछली बार महाराष्ट्र में बीजेपी को मुंह की खानी पड़ी, तबसे ही उसके मन में टीस थी- गहलोत
- गहलोत ने 2020 में पायलट और उनके समर्थक विधायकों की बगावत का दिया हवाला
- 34 दिन मेरे साथ रहे MLA को कुछ नहीं मिला, तब भी कोई नहीं गया- गहलोत
Ashok Gehlot: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने महाराष्ट्र की मौजूदा राजनीतिक परिस्थिति को भाजपा का षड्यंत्र करार देते हुए मंगलवार दावा किया कि करीब दो साल पहले उनके राज्य में कई कांग्रेस विधायकों के बगावत करने के समय उनके साथ मौजूद रहे विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये की पेशकश की गई थी, लेकिन कोई नहीं गया। उन्होंने जुलाई, 2020 में सचिन पायलट और उनके कुछ समर्थक विधायक की बगावत के प्रकरण का परोक्ष रूप से हवाला दिया और कहा कि उन्होंने ऐसा सुना है कि होटल में रहने के दौरान इन विधायकों को 10-10 करोड़ रुपये बांट भी दिए गए थे।
'बीजेपी के मन में टीस थी कि कब मौका मिले'
गहलोत ने कहा, ‘‘पिछली बार महाराष्ट्र में भाजपा को मुंह की खानी पड़ी, तबसे ही उनके दिल में ये टीस थी कि कब हम ED, CBI और आयकर का उपयोग करें, डराएं-धमकाएं। 2-2 मंत्री (नवाब मलिक और अनिल देशमुख) जेल में बैठे हुए हैं, जमानत तक नहीं होने दी जा रही है। यह देश के अंदर लोकतंत्र को नष्ट करने का षड्यंत्र है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘हम जो बार-बार कह रहे हैं कि संविधान की धज्जियां उड़ रही हैं, लोकतंत्र खतरे में है, इसका इससे बड़ा प्रमाण क्या होगा कि मध्यप्रदेश की सरकार पर कब्जा कर लिया गया। एक-एक विधायक से 35-35 करोड़ रुपये का सौदे हुआ।’’
'34 दिन मेरे साथ रहे MLA को कुछ नहीं मिला, तब भी कोई नहीं गया'
गहलोत के अनुसार, ‘‘सुनते हैं कि होटल में रहने के दौरान राजस्थान के अंदर 10-10 करोड़ रुपये तो बंट चुके थे। बाद में पता नहीं क्या हुआ...मुझे यह कहते हुए गर्व है कि राजस्थान के हमारे विधायक 34 दिन तक मेरे साथ रहे, कुछ नहीं मिला, बाहर निकलते ही पहली किस्त के तौर पर 10 करोड़ रुपये की पेशकश थी, तब भी कोई नहीं गया और अभी राज्यसभा चुनाव के अंदर भी आपने देखा कि तीनों सीटें हमने जीती हैं।’’