जयपुर. पूरा देश कोरोना वायरस संकट से जूझ रहा है। कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई में देश की ज्यादातर जनता सरकारों का सहयोग कर रही है। अब राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने भी नई मिसाल पेश की है। देश के कई राज्यों में श्रमिकों को वापस भेजना हो या अपने लोगों को वापस बुलाने इस पर सियासी जंग चल रही है, लेकन राजस्थान शायद पहला प्रदेश है, जहां गहलोत सरकार ने खुद विपक्ष के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संवाद स्थापित किया। इस बैठक में वसुंधरा राजे सहित विपक्ष के कई विधायक मौजूद थे।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई इस मीटिंग में अशोक गहलोत ने सभी से सुझाव मांगे । पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने कहा कि उद्योगों को प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। इस बैठक में 4 सांसद औ 157 विधायक शामिल हुए। 12 घंटे चली इस मीटिंग में सीएम गहलोत ने विधायकों से पूछा कि 19 लाख प्रवासियों को वापस लाने में महीनों लग जाएंगे, ऐसे में यह बताइये कि किन्हें पहले लाया जाए।
पीएम मोदी के साथ मुख्यमंत्रियों के संवाद से पहले उन्होंने ये मीटिंग की। इस मीटिंग में उन्होंने कई महत्वपूर्ण विषयों पर भी सुझाव मांगे। सीएम गहलोत के इस संवाद कि अब सियासी गलियारों में प्रशंसा हो रही है। लोग कह रहे हैं कि जब देश संकट से जूझ रहा है तो सबको एक साथ खड़े होना चाहिए और राजस्थान में राजनीति से परे हटकर गहलोत ने सबको एक सूत्र में बांधने का काम किया है।