राजस्थान की गहलोत सरकार ने राज्य के मदरसों के लिए 13.10 करोड़ रुपये देने की घोषणा की है। गहलोत सरकार का कहना है कि ये पैसे मदरसों में स्मार्ट क्लास चलाने के लिए दिए गए हैं। ये पैसे राज्य के 500 मदरसों में आवंटित किए जाएंगे। अधिकारियों ने कहा कि प्रत्येक मदरसे में स्मार्ट क्लास रूम स्थापित करने के लिए 2.62 लाख रुपये खर्च किए जाएंगे। दरअसल, राज्य के बजट 2022-23 को संबोधित करते हुए, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के रजिस्टर्ड मदरसों में स्मार्ट क्लासरूम स्थापित करने की योजना की घोषणा की थी।
यूपी में मदरसों का सर्वे जारी है
यूपी सरकार के आदेश के बाद से ही राज्य में मदरसों का सर्वे जारी है। इसी के अंतर्गत चल रही जांच में सहारनपुर में दारुल उलूम समेत 300 से ज्यादा मदरसे अवैध निकले हैं। सरकारी सर्वे में ये बात सामने आई है कि सहारनपुर के अधिकारियों ने रविवार को इस्लामिक एजुकेशन इंस्टीट्यूट दारुल उलूम देवबंद को गैर मान्यता प्राप्त मदरसा घोषित किया है। जिले के आला अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में 306 और गैर मान्यता प्राप्त इस्लामी शिक्षा संस्थानों को अवैध बताया है।
मिली रिपोर्ट्स के मुताबिक, जिला प्रशासन में 754 मदरसे रजिस्टर्ड हैं। इनमें से 5वीं कक्षा तक के 664 और 8वीं तक के 80 और बाकी बचे 10 मदरसे कक्षा 10 तक के हैं। पिछले महीने ही उत्तर प्रदेश सरकार ने इस्लामिक शिक्षा संस्थानों का सर्वे कराने की प्रक्रिया शुरू की थी। राज्य सरकार के आदेश के अनुसार 12 पहलुओं पर सर्वे किया जा रहा है। मदरसों के सर्वेक्षण के जिला मजिस्ट्रेट द्वारा टीमों का गठन सरकारी आदेश के अनुसार किया गया है।
महाराष्ट्र में मदरसों के सर्वे की मांग
राज ठाकरे की पार्टी महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना ने शिंदे-फडणवीस सरकार से मांग की है कि राज्य में सभी मदरसों का सर्वे कराया जाए। MNS का आरोप है कि महाराष्ट्र के कई शहरो में अवैध मदरसे चलाए जा रहे हैं। एमएनएस का कहना है कि ये मदरसे हाउसिंग सोसायटी से लेकर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स तक में चलाए जा रहे हैं, ऐसे में इनकी फंडिंग के सोर्स का पता लगाना बहुत जरूरी है। MNS ने कहा कि सरकार को इस बात की जांच करनी चाहिए कि कहीं इनमें कोई देश विरोधी गतिविधि तो नहीं चल रही है।