जयपुर: राजस्थान के अलवर जिले में मानसिक रूप से कमजोर एक नाबालिग के बदहाल और घायल अवस्था में मिलने शरीर के मामले में पुलिस ने चौंकाने वाला बयान दिया है। पुलिस का कहना है कि पीड़िता खुद ही तिजारा पुल पर पहुंची थी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार पीड़िता ने गांव से शहर तक ऑटो में यात्रा की और अपने आप पुल तक पहुंची थी।
दरअसल, तिजारा पुल के पास विगत दिनों पहले एख मूक बधिर मानसिक विक्षिप्त नाबालिग किशोरी घायल आवस्था में मिली थी। जिसकी रेप की आशंका जताई जा रही थी। लेकिन, अब पुलिस ने इस मामले में बड़ा खुलासा करते हुए रेप की बात से इंकार कर दिया। पुलिस ने मेडिकल रिपोर्ट का हावला देते हुए बताया कि रिपोर्ट में किसी भी तरह के रेप या यौन उत्पीड़न की पुष्टि नहीं हुई है।
हालांकि, पुलिस अभी तक यह स्पष्ट नहीं कर रही है कि बच्ची को इतनी चोटें कैसे आयी। अलवर की पुलिस अधीक्षक तेजस्वनी गौतम ने संवादाताओं से बातचीत में कहा है कि मेडिकल विशेषज्ञों की टीम ने आज पुलिस को जो रिपोर्ट सौंपी है उसमें बच्ची के साथ बलात्कार की आशंका से इंकार किया गया है। उन्होंने बताया कि यह जांच की जा रही है कि आखिर नाबालिग के साथ ऐसा क्या हुआ जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गई। गौतम ने बताया, ‘‘नाबालिग ने जिस ऑटो रिक्शा में 8-10 अन्य यात्रियों के साथ यात्रा की थी उसकी पता लग गया है। फॉरेंसिक विशेषज्ञों को उस ऑटो में कुछ संदिग्ध नहीं मिला है। ऑटो चालक से पूछताछ की गई है, यात्रियों से भी पूछताछ की जायेगी।’’
मामले पर राजनीति भी गर्म है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अलवर जिले में मानसिक रूप से कमजोर नाबालिग के बदहाल व घायल अवस्था में मिलने के मामले में राजनीतिक दलों को अनर्गल बयानबाजी नहीं करनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा, ‘‘पुलिस ने शुक्रवार को मेडिकल रिपोर्ट व तकनीकी साक्ष्यों का हवाला देते हुए कहा कि पीड़िता से दुष्कर्म की संभावना नहीं है। हालांकि पुलिस को अभी यह पता नहीं लगा है कि नाबालिग को इतनी गंभीर चोटें कैसे आईं?’’
इनपुट- एजेंसी