देश इस समय कोरोना वायरस के मुश्किल दौर से गुजर रहा है। राजस्थान की राजधानी जयपुर कोरोना वायरस के हॉटस्पॉट के रूप में उभर रही है। यहां कोरोना वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग कोरोना के संदिग्धों को और ठीक हो चुके मरीजों को क्वारन्टीन सेंटर्स में रख रही है। लेकिन स्वास्थ्य विभाग की कोशिशें किस तरह राजनीतिक दबाव के सामने घुटने टेकती हैं, उसकी एक तस्वीर जयपुर से ही सामने आई है। यहां क्वारन्टीन सेंटर में रखे गए 28 लोगों को अवधि समाप्त होने से पहले ही होम क्वारन्टीन में भेज दिया गया।
यह अपनी तरह का पहला मामला है। अब इस पर स्वास्थ्य विभाग की सफाई भी आई है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार इन 28 लोगों को किशनपोल से कांग्रेस विधायक अमीन कागजी की सिफारिश पर शिफ्ट किया गया है। क्वॉरेंटाइन सेंटर से 28 लोग अलग मकानों में शिफ्ट किया गया है। यह पहली बार है जब क्वॉरेंटाइन किये गए लोगों को समय अवधि से पहले ही होम क्वॉरेंटाइन भेज दिया गया। हालांकि स्वास्थ विभाग का मानना है कि सभी लोगों को किशनपोल विधायक अमीन कागज़ी की सिफारिश पर भेजा गया है।
लेकिन विवाद बढ़ने पर चिकित्सा विभाग ने आश्वस्त किया है कि इन सभी लोगों को निर्धारित प्रोटोकॉल हिसाब से रखा जाएगा। इनको अलग से खाली मकान ढूंढ कर उन में शिफ्ट किया गया है। ग्लोबल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी सेंटर में 28 लोग विधायक की सिफारिश के बाद क्वॉरेंटाइन पर भेजने की छूट दी गई है। दूसरी ओर विधायक का मानना है की एक रिपोर्ट नेगेटिव आई है और रमजान भी है और मेडिकल विभाग के खुद द्वारा ये जगह चुनी है इसलिए इनको भेजा गया है।