जयपुर। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने लॉकडाउन में ढील के बाद दस दिनों में राज्य में कोरोना वायरस संक्रमितों कही संख्या में उछाल पर चिंता जताते हुए बुधवार को अधिकारियों से पड़ोसी राज्यों के साथ लोगों की आवाजाही नियंत्रित करने को कहा। उच्च स्तरीय बैठक में हालात की समीक्षा करते हुए गहलोत ने कहा कि लॉकडाउन को खोलने के तहत अंतरराज्यीय आवागमन व अन्य गतिविधियों की अनुमति दिए जाने तथा पास की व्यवस्था समाप्त होने के बाद एक जून से 10 जून के बीच ही राज्य में अप्रत्याशित रूप से कोरोना वायरस के 2500 से अधिक संक्रमित रोगी सामने आए हैं जो चिंता का विषय है।
उन्होंने निर्देश दिए कि लोगों के जीवन की रक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है। ऐसे में अंतरराज्यीय आवागमन को नियंत्रित किया जाए। रेल, सड़क और हवाई मार्ग द्वारा बाहर से आने और जाने वाले लोगों की स्क्रीनिंग सुनिश्चित की जाए। घर पर पृथक-वास के नियम की भी सख्ती से पालना करवाई जाए। उन्होंने कहा कि अंतर्राज्यीय आवागमन की वर्तमान मुक्त व्यवस्था में कई लोगों ने कोरोना टेस्ट करवाकर यात्रा की लेकिन बाद में उनकी रिपोर्ट 'संक्रमित' आई। तब तक वे कई लोगों के सम्पर्क में आ गए।
साथ ही हॉटस्पॉट क्षेत्रों से भी कुछ लोगों ने बिना जांच करवाए अन्यत्र आवागमन किया जिसके कारण संक्रमण फैलने की बात सामने आई है। उन्होंने कहा कि इस तरह हो रहे अंतरराज्यीय आवागमन को नियंत्रित करने की आवश्यकता है, ताकि हमारी तीन माह की मेहनत बेकार नहीं हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे लगातार प्रयासों से राजस्थान में कोरोना संक्रमित लोगों के ठीक होने की दर 74 प्रतिशत से ज्यादा है साथ ही मृत्यु दर 2.25 प्रतिशत तथा केस दोगुने होने की समयावधि 22 दिन है, जो राष्ट्रीय औसत से काफी बेहतर है। राज्य में आगे भी कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार नहीं हो इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।