नई दिल्ली: राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के 25 नये मामले सामने आने के बाद राज्य में इस घातक वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या शनिवार सुबह बढ़कर 2,059 हो गयी। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह ने बताया कि आज सुबह नौ बजे तक राज्य में 25 नये मामले सामने आए, जिनमें अजमेर में आठ, झालावाड़ और जोधपुर में पांच-पांच, कोटा में चार, धौलपुर में दो और डूंगरपुर में एक नया मामला शामिल है। राजस्थान में कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामलों में दो इतालवी नागरिकों के अलावा 61 वे लोग भी हैं जिन्हें ईरान से लाकर जोधपुर एवं जैसलमेर में सेना के आरोग्य केंद्रों में ठहराया गया है। राज्यभर में 22 मार्च से बंद लागू है और अनेक थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा हुआ है।
वहीं राजस्थान में इस संक्रमण से चार और लोगों की मौत हो गई है। राज्य के अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) रोहित कुमार सिंह ने बताया कि जमवारामगढ़ के 75 वर्षीय बुजुर्ग को तत्काल सर्जरी की जरुरत को लेकर 13 अप्रैल को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। उनकी पहली जांच रिपोर्ट निगेटिव आई और लेकिन दूसरी में उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। रिपोर्ट आने से पहले ही 22 अप्रैल को उनकी मृत्यु हो गयी थी।
एसएमएस अस्पताल में भर्ती 60 साल के एक व्यक्ति की 23 अप्रैल यानी बृहस्पतिवार को मौत हो गई। रामगंज इलाके के इस व्यक्ति को 22 अप्रैल को भर्ती करवाया था। उनकी जांच रिपोर्ट भी मौत के बाद आयी है, जिसमें उनके संक्रमित होने की पुष्टि हुई। इसी तरह मोटी डूंगरी रोड से 60 साल के एक व्यक्ति को अकस्मात मौत के बाद 22 अप्रैल को एसएमएस लाया गया था। उनके भी संक्रमित होने की पुष्टि हुई है।
वहीं आदर्श नगर की 70 साल की एक वृद्धा की शुक्रवार को मौत हो गयी। वे संक्रमित थीं और यहां एसएमएस अस्पताल में भर्ती थीं। उन्हें ह्रदय धमनी संबंधी शिकायत भी थी। राज्य में कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़ी मौतों की संख्या 32 हो गयी है। अधिकारियों का कहना है कि ज्यादातर मामलों में रोगी किसी न किसी अन्य गंभीर बीमारी से भी पीड़ित थे।
इस बीच राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने मुस्लिम समाज के लोगों को रमजान की मुबारकबाद देते हुए लॉकडाउन के दौरान रोज़ा इफ्तार और नमाज घर में अदा करने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान रोज़ा इफ्तार पार्टी का आयोजन करने एवं भीड़ इकट्ठी करने से बचें। सामाजिक दूरी जरूर रखें ताकि कोरोना वायरस का सामुदायिक संक्रमण रोकने में अभी तक मिली कामयाबी को प्रदेश में बरकरार रखा जा सके।