चंडीगढ़ः पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान और राजभवन के बीच साल 2023 में बार-बार विवाद हुआ और इस दौरान आप सरकार ने उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाया जबकि राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने राष्ट्रपति शासन लगाने की परोक्ष धमकी दी। मान को 2023 में विनाशकारी बाढ़ ने परेशान किया, किसानों ने राजमार्गों को अवरुद्ध कर उनकी चिंता बढ़ा दी तथा एक कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह ने सीमावर्ती राज्य को दशकों पहले के खालिस्तानी आतंकवाद की याद दिला दी।
एसवाईएल नहर विवाद सुर्खियों में रहा
हरियाणा के साथ पंजाब का सतलज-यमुना लिंक (एसवाईएल) नहर विवाद गहरा गया और उच्चतम न्यायालय ने केंद्र से जमीन के उस हिस्से का सर्वेक्षण करने को कहा, जो बरसों पहले नहर के अपने हिस्से के निर्माण के लिए पंजाब को आवंटित किया गया था। पंजाब ने दोहराया कि उसके पास किसी भी पड़ोसी राज्य के लिए पानी नहीं है। राज्यपाल पुरोहित ने मान से कई मुद्दों पर सवाल पूछे, जिसमें प्रशिक्षण के वास्ते विदेश यात्रा के लिए स्कूल के प्राचार्यों के चयन के मानदंड भी शामिल थे। मुख्यमंत्री ने इस पर जवाब दिया कि वह "केवल तीन करोड़ पंजाबियों के प्रति जवाबदेह हैं"।
सरकार से राज्यपाल के मतभेद छाए रहे
पुरोहित पर एक निर्वाचित सरकार के कामकाज में "हस्तक्षेप" करने का भी आरोप लगा। बदले में, राज्यपाल ने विधानसभा सत्र बुलाने के आम आदमी पार्टी सरकार के अनुरोध पर ध्यान नहीं दिया। जून में, मान सरकार ने विधानसभा की दो दिवसीय बैठक को बजट सत्र का "विस्तार" कहा तब राजभवन ने इस पर नाराजगी जताई। मान सरकार का यह कदम जाहिर तौर पर पुरोहित की सहमति प्राप्त करने की आवश्यकता को दरकिनार करने के लिए था। राज्य सरकार इस मामले को उच्चतम न्यायालय में ले गई। नवंबर में, उच्चतम न्यायालय ने स्पष्ट किया कि सत्र "संवैधानिक रूप से वैध" था - न कि "अवैध"। लेकिन इसने राज्य सरकार से बजट सत्र को स्थगित करने के बजाय बार-बार अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने पर भी सवाल उठाया।
सीएम से राज्यपाल का टकराव
अगस्त में, पुरोहित ने कहा कि अगर राज्य सरकार उनके पत्रों का जवाब नहीं देगी तो वह राष्ट्रपति शासन लगा सकते हैं और आपराधिक कार्यवाही भी शुरू कर सकते हैं। एक विधानसभा सत्र में, मान सरकार ऐसे विधेयक लेकर आई जिनका उद्देश्य एक तरह से केंद्र के अधिकार में कटौती करना प्रतीत होता था। पंजाब विश्वविद्यालय कानून (संशोधन) विधेयक, 2023 ने राज्यपाल से राज्य संचालित विश्वविद्यालयों के कुलपति के रूप में उनकी भूमिका छीन लेता। पंजाब पुलिस (संशोधन) विधेयक, 2023 पंजाब में पुलिस प्रमुखों की नियुक्ति में संघ लोक सेवा आयोग को दरकिनार कर देता। राज्यपाल ने अब इन्हें और एक अन्य विधेयक को राष्ट्रपति के विचार के लिए सुरक्षित रख लिया है।
विदेश स्थित गैंगस्टरों ने इस साल पंजाब पुलिस को परेशान किया तथा ड्रोन भारत-पाकिस्तान सीमा पार कर राज्य में दवाओं और हथियारों की खेप गिराते रहे। लेकिन सुरक्षा के लिए सबसे बड़ी चुनौती खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह साबित हुआ। उसने 'वारिस पंजाब दे' नामक संगठन के संस्थापक, कार्यकर्ता-अभिनेता दीप सिद्धू की मृत्यु के बाद उसके प्रमुख का पद संभाला था। अमृतपाल सिंह के एक सहयोगी की रिहाई की मांग को लेकर उसके समर्थक 23 फरवरी को अमृतसर जिले के एक पुलिस थाने में घुस गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हो गई।
अमृतपाल की गिरफ्तारी सुर्खियों में रही
पंजाब और पड़ोसी राज्यों में लगातार तलाश के बाद 23 अप्रैल को अमृतपाल सिंह गिरफ्तार किया गया। सिंह और उनके प्रमुख सहयोगियों पर कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए और अब वे असम की जेल में बंद हैं। आम आदमी पार्टी ने केंद्र द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए 2021 में किसानों के साल भर हुए विरोध का समर्थन किया था। लेकिन पंजाब में आप सरकार के खिलाफ किसानों के प्रदर्शन ने मान की नींद उड़ा दी। पिछले साल कई बार किसानों ने भीषण बारिश से हुए नुकसान के मुआवजे से लेकर अपनी फसलों की बेहतर कीमत तक की मांगों को लेकर सड़कें अवरुद्ध कीं, रेल पटरियों पर बैठे और सरकारी कार्यालयों पर विरोध प्रदर्शन किया।
जालंधर लोकसभा उपचुनाव में आप की जीत
मान ने किसान यूनियनों को याद दिलाया कि अगर उन्होंने सड़कें अवरुद्ध कीं तो वे लोगों को अपने खिलाफ कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ''अगर यही रवैया रहा तो वह दिन दूर नहीं जब आपको धरने के लिए लोग नहीं मिलेंगे।'' आप ने मई में जालंधर लोकसभा उपचुनाव में कांग्रेस के गढ़ में सेंध लगाते हुए जीत हासिल की। दोनों दल विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) में हैं, लेकिन उन्होंने संकेत दिया है कि वे 2024 के संसदीय चुनावों में पंजाब में अपने दम पर लड़ना पसंद करेंगे। क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू तीन दशक पुराने रोड रेज मामले में एक साल की सजा काटने के बाद इस साल पटियाला जेल से बाहर आ गए। इस मामले में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। पंजाब की राजनीति में एक ऐतिहासिक पारी खेलने वाले, शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक और पांच बार के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का 95 वर्ष की आयु में 2023 में निधन हो गया।
(इनपुट-भाषा)