पंजाब: वारिस पंजाब दे का मुखिया और खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल के फरार होने के बाद राज्य में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं जिन्हें मंगलवार को आंशिक रूप से कुछ जिलों में फिर से शुरू किया गया है। पंजाब पुलिस खालिस्तानी समर्थक अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार करने के लिए बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चला रही है। वारिस पंजाब दे प्रमुख के खिलाफ पंजाब पुलिस द्वारा की गई भारी कार्रवाई के चौथे दिन गुजर चुके हैं लेकिन अमृतपाल सिंह अभी भी फरार है। उनके चाचा और दो अन्य सहयोगियों को आज सुबह असम के लिए रवाना किया गया। रविवार को उसके चार अन्य गिरफ्तार साथियों को भी डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल ले जाया गया है।
कोर्ट ने भगवंत मान सरकार को लगाई कड़ी फटकार
मंगलवार को अमृतपाल सिंह की गिरफ्तीर को लेकर पंजाब और हरियाणा कोर्ट ने भगवंत मान सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि यह पूरी तरह से इंटेलिजेंस की नाकामी है। कोर्ट ने मान सरकार से पूछा कि, "आपके 80,000 पुलिस वाले आखिर कर क्या रहे हैं। पुलिस वाले ऐसा क्यों कर रहे हैं कि एक शख्स को नहीं ढूंढ पा रहे हैं?"
पंजाब पुलिस ने सोमवार को कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह से जुड़े पांच लोगों के खिलाफ सख्त राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करते हुए एक संभावित "आईएसआई एंगल" बताया और विदेशी फंडिंग की भी बात कही। इसके बाद अमृतपाल सिंह के चाचा और ड्राइवर ने अपने "वारिस पंजाब दे" समूह के खिलाफ राज्यव्यापी कार्रवाई के बीच आत्मसमर्पण कर दिया।
रविवार को संगठन के चार गिरफ्तार सदस्यों को असम के डिब्रूगढ़ सेंट्रल जेल लाया गया। पंजाब पुलिस की एक टीम अब खालिस्तान समर्थक नेता हरजीत सिंह के साथ अमृतपाल सिंह के सहयोगियों से पूछताछ करने के लिए जेल पहुंच गई है।अमृतपाल सिंह के दो और सहयोगियों कुलवंत सिंह और गुर औजला पर रासुका लगाया गया है।
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