सर्दी का मौसम आ चुका है और इस कारण दिल्ली-एनसीआर और इसके आसपास के राज्यों में भारी वायु प्रदूषण देखने को मिल रही है। इस बीच पंजाब में लगातार जलाई जा रही पराली के कारण विजिबिलिटी काफी कम होती जा रही है। इसी के चलते भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ लुधियाना के एक कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाए। कारण है कि भारत के उपराष्ट्रपति का जहाज विजिबिलिटी कम होने के कारण लुधियाना में लैंड नहीं कराया जा सका। दरअसल उपराष्ट्रपति लुधियान में जलवायु पर्यावरण के एक प्रोग्राम में शामिल होने के लिए मंगलवार को लुधियाना में आने वाले थे।
विजिबिलिटी कम होने के कारण उपराष्ट्रपति का विमान नहीं हुआ लैंड
भारी वायु प्रदूषण और विजिबिलिटी कम होने के कारण कड़ी मशक्कत के बावजूद उनके विमान को लैंड नहीं कराया जा सका और वे वापस दिल्ली चले गए। इसी मुद्दे पर केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने बयान जारी कर पंजाब की दूषित हवा और पराली जलाने का जिम्मेदार पंजाब सरकार को ठहराया है। पर्यावरण विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, मंगलवार को लुधियाना का एक्यूआई 238 दर्ज किया गया है, जो कि काफी ज्यादा माना जाता है। इतनी दूषित हवा और धूल भरी हवा के कारण लुधियाना और पूरे पंजाब में लोगों को सांस लेने में दिक्कत आने लगी है।
क्या बोले रवनीत सिंह बिट्टू
बताया जा रहा है कि लुधियाना में मंगलवार को अस्पतालों में भी ऐसे मरीजों की भीड़ लगी रही, जिनको सांस लेने में परेशानी आ रही थी। इस मौके पर केंद्रीय राज्य मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने बताया कि पंजाब सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने बताया कि देश के उप राष्ट्रपति जल वायु पर्यावरण के मुद्दे पर रखे प्रोग्राम में शामिल होने के लिए लुधियाना पहुंच रहे थे, लेकिन वायु दूषित और गहरा धुआं छाने के कारण उनका जहाज लैंड न हो पाना, पंजाब सरकार की नालायकी है। उन्होंने बताया कि पराली जलाने के कारण पंजाब ही नहीं इसके आसपास के राज्य भी प्रभावित हो रहे हैं। इसका हल करने के लिए पंजाब के सीएम को खुद ध्यान देना होगा। वहीं इसके बारे में अब लुधियाना के लोगों में भी रोष देखा जा रहा है, क्योंकि बच्चों से लेकर बुजुर्गों को इस धुएं के कारण परेशान होना पड़ रहा है।