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पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रों को उपराष्ट्रपति धनखड़ ने किया प्रेरित, कही ये बातें

पंजाब विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में पहुंचे उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पूर्व छात्रों को संबोधित किया। इसके साथ ही उन्होंने भूतपूर्व छात्रों को भी अपना योगदान देने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुत अनुभव है और अब इसके प्रदर्शन का समय आ गया है।

Edited By: Amar Deep
Updated on: December 23, 2023 23:01 IST
पंजाब विश्वविद्यालय में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने छात्रों को किया संबोधित।- India TV Hindi
Image Source : SOCIAL MEDIA (X) पंजाब विश्वविद्यालय में उपराष्ट्रपति धनखड़ ने छात्रों को किया संबोधित।

चंडीगढ़: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को पंजाब विश्वविद्यालय के एक कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने कहा कि बौद्धिक अनुभव के मेल का समय आ गया है। साथ ही उन्होंने देश में विभिन्न संस्थानों के भूतपूर्व छात्रों से ऐसी नीतियां बनाने के लिए एकजुट होने को कहा जो आंखें खोलने वाली हों। उन्होंने यह भी कहा कि भारत इस दशक के अंत तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के लिए तैयार है। बता दें कि उपराष्ट्रपति धनखड़ पंजाब विश्वविद्यालय के वैश्विक भूतपूर्व छात्र मिलन समारोह को संबोधित कर रहे थे। 

पूर्व छात्रों के प्रदर्शन का समय

इस मौके पर उन्होंने कहा कि ‘‘मुझे इसमें संदेह नहीं है कि इस देश में बौद्धिक अनुभव के मेल, विभिन्न संस्थानों के पूर्व छात्रों के प्रदर्शन का समय आ गया है। हमारे पास भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM), हमारे पास भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), हमारे पास विज्ञान संस्थान हैं। कई विश्वविद्यालय, फॉरेंसिक, पेट्रोलियम हैं। इसके अलावा हमारे पास महत्वपूर्ण कॉलेज हैं।’’ धनखड़ ने कहा कि अब अगर इन संस्थानों के भूतपूर्व छात्र एक मंच पर एकजुट होते हैं तो ऐसी नीतियां बनाने में मदद कर सकते हैं जो आंखें खोलने वाली हों। 

भूतपूर्व छात्र होते हैं किसी विश्वविद्यालय की ताकत

उन्होंने कहा कि किसी विश्वविद्यालय की ताकत उसके बुनियादी ढांचे में नहीं होती बल्कि उसकी पहचान उसके संकाय सदस्यों और भूतपूर्व छात्रों से होती है। उपराष्ट्रपति ने कहा कि ‘‘मैं यह कहने की हिम्मत रखता हूं कि अगर इस देश के किसी भी विश्वविद्यालय का वस्तुनिष्ठ विश्लेषण किया जाए तो पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र पहले स्थान पर होंगे और इसलिए मुझे इसमें कोई संदेह नहीं है कि पंजाब विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र निश्चित रूप से ऐसा कर सकते हैं।’’ 

पूर्व छात्रों को मिलना चाहिए वैश्विक प्रतिनिधित्व

आगे उन्होंने कहा कि ‘‘एक मंच पर आने का समय आ गया है। पूर्व छात्रों को एक मंच पर होना चाहिए और पूर्व छात्रों को अखिल भारतीय प्रतिनिधित्व और वैश्विक प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए। जिस क्षण ऐसा होगा, एक बड़ा परिवर्तन होगा जो यहां पढ़ने वाले छात्रों के लिए कई सकारात्मक स्थितियों को उत्प्रेरित करेगा।’’ धनखड़ ने कहा कि दुनिया के कुछ वैश्विक विश्वविद्यालय बहुत प्रसिद्धि वाले हैं और उनका वित्तीय भंडार पूर्व छात्रों के योगदान द्वारा निर्धारित होता है। 

क्यो दिया जा रहा विदेशी विश्वविद्यालयों को योगदान

उन्होंने कहा कि ‘‘मैं अमेरिका के किसी विश्वविद्यालय का नाम नहीं लेना चाहता, लेकिन जो भी भारतीय उस विश्वविद्यालय में पढ़ा है, वह वस्तुतः प्रतिज्ञा करता है कि मैं हर महीने इतना योगदान दूंगा।’’ उन्होंने कहा कि ‘‘मेरे दिल को बहुत दुख हुआ जब 2009 में भारत सरकार ने अमेरिका में एक विदेशी विश्वविद्यालय को 50 लाख डॉलर का योगदान दिया, किस लिए? क्या हमारे यहां वित्त पोषण के लिए पर्याप्त विश्वविद्यालय नहीं हैं? एक बड़े औद्योगिक घराने ने पांच करोड़ डॉलर का योगदान दिया। मैं इसके खिलाफ नहीं हूं। आप वही करें जो आपका मन करे लेकिन अपने देश को नजरअंदाज न करें।’’ 

(इनपुट: भाषा)

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