चंडीगढ़: शिरोमणि अकाली दल के वरिष्ठ नेता और पंजाब विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष चरणजीत सिंह अटवाल ने बुधवार को पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। बता दें कि कुछ दिन पहले उनके बेटे इंदर इकबाल अटवाल बीजेपी का दामन थाम लिया था। बीजेपी ने हाल ही में अकाली दल से नाता तोड़ने वाले इंदर इकबाल सिंह अटवाल को पंजाब की जालंधर लोकसभा उपचुनाव के लिए अपना कैंडिडेट घोषित किया है। चरणजीत सिंह अटवाल वर्ष 2004 से 2009 तक लोकसभा के उपाध्यक्ष रहे और वह एक समय पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के करीबी माने जाते थे।
‘मैंने अकाली दल को चिट्ठी लिखी है’
86 वर्षीय चरणजीत सिंह अटवाल ने कहा कि बेटे और परिवार के अन्य सदस्यों के बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होंने नैतिक आधार पर अकाली दल से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने कहा, ‘मैंने अकाली दल को चिट्ठी लिखी है कि मैंने आज प्राथमिक सदस्यता और अन्य जिम्मेदारियों से इस्तीफा दे दिया है। मैंने ऐसा इसलिए किया क्योंकि मेरे बेटे इंदर इकबाल सिंह और जसजीत सिंह और मेरे भतीजे सुखजिंदरजीत सिंह अकाली दल छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए हैं।’
‘नैतिक रूप से अकाली दल को छोड़ना जरूरी था’
चरणजीत सिंह अटवाल ने कहा, ‘दूसरी बात यह है कि मेरा बड़ा बेटा इंदर इकबाल सिंह जालंधर लोकसभा उपचुनाव में भारतीय जनता पार्टी का कैंडिडेट है। नैतिक रूप से मुझे लगता है कि अकाली दल को छोड़ना जरूरी था।’ बता दें कि जालंधर लोकसभा सीट के लिए मतदान 10 मई को होगा जबकि मतगणना 13 मई को होगी। जनवरी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान पार्टी के सांसद संतोख सिंह चौधरी के निधन के कारण इस सीट पर उपचुनाव कराये जा रहे हैं।