सुप्रीम कोर्ट ने जेल में बंद कट्टरपंथी अमृतपाल सिंह के पंजाब के खडूर साहिब से सांसद के रूप में निर्वाचन के खिलाफ दायर याचिका शुक्रवार को खारिज कर दी। याचिकाकर्ता ने जस्टिस बी आर गवई और जस्टिस के वी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष दावा किया कि संविधान का अनुच्छेद 84 संसद की सदस्यता के लिए योग्यता से संबंधित है और इसके अनुसार कोई व्यक्ति संसद की सदस्यता के लिए तब तक योग्य नहीं होगा जब तक वह भारत का नागरिक न हो।
'भारत के संविधान के प्रति निष्ठा नहीं रखते अमृतपाल'
याचिकाकर्ता ने कहा, ‘‘इस मामले में प्रतिवादी संख्या चार (अमृतपाल सिंह) ने कहा था कि वह भारत के संविधान के प्रति निष्ठा नहीं रखते।’’ इस पर पीठ ने कहा ,‘‘ आप निर्वाचन याचिका दाखिल करें।’’ याचिकाकर्ता ने कहा कि वह खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता नहीं हैं लेकिन सिंह द्वारा पूर्व में दिए गए बयानों से ‘‘बहुत आहत’’ हैं। पीठ ने कहा, ‘‘यह साक्ष्य का मामला है। इसके लिए निर्धारित प्रक्रियाएं हैं। जनप्रतिनिधित्व अधिनियम में प्रावधान हैं।’’ पीठ ने याचिका पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा,‘‘ धन्यवाद। खारिज की जाती है।’’
असम की जेल में बंद है अमृतपाल
अमृतपाल सिंह को लोकसभा सदस्य के रूप में शपथ लेने के लिए 5 जुलाई को पैरोल दी गई थी। सिंह ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख हैं और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत कथित अपराधों के लिए असम के डिब्रूगढ़ जिले की जेल में बंद हैं। 31 वर्षीय सिंह ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर जेल से चुनाव लड़ा था और जीत हासिल की थी। इससे पहले अमृतपाल सिंह ने NSA के तहत हिरासत अवधि बढ़ाने के पंजाब सरकार के फैसले को चुनौती देते हुए रिहाई की मांग की थी।
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