पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने गणतंत्र दिवस परेड में राज्य की झांकी शामिल नहीं किए जाने को लेकर बुधवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इसे राष्ट्रगान से ‘पंजाब’ शब्द हटाने की ओर उठाया गया एक कदम करार दिया। मान ने यहां संवादाताओं से कहा, ‘अगर उनका बस चले तो वे राष्ट्रगान जन गण मन से ‘पंजाब’ शब्द को हटा देंगे।’ उन्होंने कहा कि पिछले साल की तरह इस साल भी पंजाब की झांकी को 26 जनवरी पर गणतंत्र दिवस परेड में शामिल नहीं किया गया। मान ने आरोप लगाया, ‘केंद्र ने पंजाब के साथ भेदभाव किया है।’ उन्होंने कहा कि पंजाब और दिल्ली दोनों ही चयनित झांकी वाली सूची में नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र विभिन्न मुद्दों को लेकर गैर भाजपा शासित राज्यों के साथ भेदभाव कर रहा है।
भगवंत मान के बयान पर भाजपा का पलटवार
इस मामले पर अब पंजाब की भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने पलटवार किया है। उन्होंने भगवंत मान के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि मैंने मुख्यमंत्री द्वारा लगाए गए आरोपी की तहकीकात की। तो पता चला कि खोदा पहाड़ और निकली चुहिया। उन्होंने कहा कि दरअसल भगवंत मान और अरविंद केजरीवाल चाहते थें कि इन झाकियों पर उनकी तस्वीर लगाई जाए। इस कारण पंजाब की झांकी को रिजेक्ट कर दिया गया। हालांकि यह पहली बार नहीं है। इससे पहले 17 सालों में बार झांकियों को रिजेक्ट किया जा चुका है। सुनील जाखड़ ने कहा कि कल प्रधानमंत्री के लिए जिस तरह की भाषा का इस्तेमाल भगवंत मान ने किया वह काफी निंदनीय है।
क्या बोले भगवंत मान?
दरअसल भगवंत मान ने कहा था कि चयनित राज्यों में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, राजस्थान, ओडिशा, मणिपुर, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, हरियाणा, गोवा, मेघालय, लद्दाख, कर्नाटक, झारखंड, गुजरात, छत्तीसगढ़, असम, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश शामिल हैं। केंद्र पर सभी चीजों का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाते हुए मान ने कहा, ‘मतलब 26 जनवरी और 15 अगस्त का भी भगवाकरण हो गया, भाजपाकरण हो गया, राजनीतिकरण हो गया।’ मान ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह में पंजाब की जिन झांकियों को केंद्र द्वारा शामिल नहीं किया गया वे अब पंजाब के गणतंत्र दिवस समारोह का हिस्सा होंगी। उन्होंने कहा, ‘इन झांकियों पर हम केंद्र द्वारा खारिज भी लिखेंगे।’