शिरोमणि अकाली दल यानी शिअद के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने अकाल तख्त जत्थेदार को पत्र लिखकर पार्टी के सत्ता में रहने के दौरान की गई "सभी गलतियों" के लिए बिना शर्त माफी मांगी है। उन्होंने अपने पत्र में लिखा कि वह गुरु के एक विनम्र सेवक हैं और हमेशा गुरु ग्रंथ साहिब और अकाल तख्त के प्रति समर्पित हैं। उन्होंने कहा कि, "चाहे ये गलतियां पार्टी की ओर से हों या सरकार की ओर से, मैं इन सभी गलतियों के लिए माफी मांगता हूं, जो जानबूझकर या अनजाने में हुईं।"
पंजाब के डिप्टी सीएम रह चुके सुखबीर ने कहा, "हमारे खिलाफ जो कुछ भी लिखा गया है, मैं गुरु के तख्त के सामने खुद को पेश करता हूं और 'गुरु साहिब' और 'गुरु पंथ' से बिना शर्त माफी मांगता हूं।" उन्होंने कहा कि परिवार के मुखिया के तौर पर वह सभी गलतियों की जिम्मेदारी अपने ऊपर ले रहे हैं।
'पत्र पर फैसले के बुलाई जाएगी एक बेठक'
राज्य के अमृतसर शहर में स्थित अकाल तख्त सचिवालय ने सोमवार को तीन पेजों के उस पत्र की कॉपी जारी की, जिसे बादल ने 24 जुलाई को बागी नेताओं के आरोपों के संबंध में अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह को सौंपा था। अकाल तख्त सचिवालय के एक अधिकारी ने कहा कि पांच सिंह साहिबान, बादल के पत्र पर फैसला लेने के लिए आगामी दिनों में एक बैठक बुलाएंगे।
शिअद के बागी नेताओं द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद जत्थेदार ने बादल को सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए कहा था, जिसके बाद उन्होंने अपना स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया।
बागी नेताओं ने किन गलतियों के लिए मांगी थी माफी
इससे पहले, पूर्व सांसद प्रेम सिंह चंदूमाजरा और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (SGPC) की पूर्व प्रमुख बीबी जागीर कौर सहित शिरोमणि अकाली दल के बागी नेता एक जुलाई को जत्थेदार के समक्ष पेश हुए। उन्होंने 2007 से 2017 के बीच पार्टी के शासन के दौरान की गई चार गलतियों के लिए माफी मांगी। जत्थेदार के समक्ष पेश होकर बागी नेताओं ने 2007 से 2017 के बीच शिरोमणि अकाली दल के शासनकाल के दौरान की गई ‘‘चार गलतियों’’ के लिए माफी मांगी, जिसमें 2015 की बेअदबी की घटनाओं के लिए जिम्मेदार लोगों को सजा न देना और 2007 के ईशनिंदा मामले में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को माफ करना शामिल है। इन नेताओं ने उस समय उपमुख्यमंत्री रहे सुखबीर बादल को भी ‘‘गलतियों’’ के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
इनपुट- पीटीआई
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