अकाल तख्त के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सोमवार को शिरोमणि अकाली दल (शिअद)अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल को अकाल तख्त के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर बागी नेताओं के उन आरोपों पर लिखित स्पष्टीकरण देने को कहा, जिनमें कहा गया था कि ‘‘वह पंथ की भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं।’’ शिअद के बागी नेता एक जुलाई को अकाल तख्त के जत्थेदार के समक्ष पेश हुए थे और 2007 से 2017 के बीच राज्य में पार्टी के सत्ता में रहने के दौरान की गई ‘गलतियों’ के लिए माफी मांगी थी।
जत्थेदार ने बादल से 15 दिन के भीतर स्पष्टीकरण देने को कहा है। इसके अलावा, कुछ अकाली नेताओं द्वारा विज्ञापनों पर 90 लाख रुपये खर्च करने के आरोपों के संबंध में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। जत्थेदार ने यहां सिखों के पांच प्रमुख ग्रंथियों के साथ हुई लंबी बैठक के बाद एक बयान जारी किया। इसमें कहा गया, ‘‘अकाली दल के कुछ वरिष्ठ नेताओं की ओर से अकाल तख्त साहिब को मिली शिकायत के अनुसार शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष ने पंथ की भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं किया है। इसलिए शिरोमणि अकाली दल के अध्यक्ष को 15 दिनों के भीतर व्यक्तिगत रूप से अकाल तख्त साहिब के समक्ष उपस्थित होकर आरोपों का लिखित स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है।’’
90 लाख खर्च करने पर स्पष्टीकरण
सिखों के शीर्ष निकाय अकाल तख्त की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘‘कुछ अकाली नेताओं द्वारा विज्ञापनों पर 90 लाख रुपये खर्च करने के आरोपों के संबंध में शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है।’’ बादल से सफाई मांगे जाने के कदम का बागी अकाली नेता गुरप्रताप सिंह वडाला ने स्वागत किया है। उन्होंने कहा, ‘‘सिख समुदाय उनसे (पांच सिख ग्रंथियों से) उम्मीद करता है कि वे सही निर्णय लेंगे जो सभी को स्वीकार्य हो और जो सिख सिद्धांतों के अनुरूप हो।’’
सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ हुई थी बगावत
पिछले महीने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के एक वर्ग ने शिअद प्रमुख सुखबीर सिंह बादल के खिलाफ बगावत कर दी थी और मांग की थी कि हालिया लोकसभा चुनाव में पंजाब में अकाली दल को मिली हार के बाद उन्हें पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे देना चाहिए। बगावत करने वाले प्रमुख नेताओं में पूर्व सांसद चंदूमाजरा, पूर्व एसजीपीसी (शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी) प्रमुख बीबी जागीर कौर, पूर्व विधायक गुरप्रताप सिंह वडाला, पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका, परमिंदर सिंह ढींडसा, सरवन सिंह फिल्लौर और सुरजीत सिंह रखड़ा तथा पार्टी के नेता सुच्चा सिंह छोटेपुर शामिल हैं। (इनपुट-पीटीआई भाषा)
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