Friday, November 22, 2024
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पंजाब में किसानों का 'रेल रोको' आंदोलन तीसरे दिन भी जारी रहा, ट्रेन की आवाजाही प्रभावित

पंजाब में किसानों का रेल रोको आंदोलन शनिवार को दिनभर जारी रहा। इस आंदोलन के चलते ट्रेन यातायात पर काफी असर पड़ा। अपनी मांगों को लेकर किसानों ने रेल रूट को जाम कर दिया है।

Edited By: Niraj Kumar @nirajkavikumar1
Published on: September 30, 2023 20:15 IST
पंजाब रेल रोको आंदोलन- India TV Hindi
Image Source : पीटीआई पंजाब रेल रोको आंदोलन

चंडीगढ़: पंजाब में किसानों का 'रेल रोको' आंदोलन आज तीसरे दिन भी जारी रहा। इस आंदोलन के चलते ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा। प्रदर्शनकारी किसान हाल ही में आई बाढ़ में फसल के नुकसान के लिए मुआवजे, न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी और व्यापक कर्ज माफी की मांग कर रहे हैं। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि आंदोलन की वजह से ट्रेनों की आवाजाही प्रभावित हुई है, जिससे कुछ ट्रेनों को रद्द करना पड़ा और कुछ ट्रेनों को गंत्वयों से पहले ही समाप्त किया गया या फिर उनके मार्ग परिवर्तित कर दिये गए है। 

बृहस्पतिवार से ही आंदोलन कर रहे हैं किसान

इस तीन दिवसीय आंदोलन को लेकर बृहस्पतिवार से ही फरीदकोट, समराला, मोगा, होशियारपुर, गुरदासपुर, जालंधर, तरनतारन, संगरूर, पटियाला, फिरोजपुर, बठिंडा और अमृतसर में बड़ी संख्या में किसान रेल पटरियों पर बैठे हुए हैं। आंदोलन की वजह से सैकड़ों की संख्या में रेल यात्री पंजाब और हरियाणा में फंसे हुए हैं। लुधियाना स्टेशन पर खड़े एक रेल यात्री ने कहा कि वह गोरखपुर जाने वाली ट्रेन में सवार होने के लिए सड़क के माध्यम से जालंधर से यहां आए थे लेकिन रेल कब आएगी इसकी कोई जानकारी नहीं है। 

रेल यात्री परेशान
स्टेशन पर खड़े एक अन्य यात्री ने कहा कि आंदोलन की वजह से अमृतसर से उनकी ट्रेन रद्द हो गई जिससे उनके परिवार के 12 सदस्यों को बिहार जाना था। यात्री ने बताया कि उन्हें बाद में पता चला कि ट्रेन लुधियाना से जाएगी और उनके परिवार को अमतृसर से सड़क मार्ग से आना पड़ा। उन्होंने बताया कि हालांकि ट्रेन के बारे में अभी भी कोई सूचना नहीं है। 

अंबाला और फिरोजपुर रेल संभाग प्रभावित
अधिकारी ने बताया कि किसानों के आंदोलन से अंबाला और फिरोजपुर रेलवे संभाग प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित हुए हैं। इस तीन दिवसीय आंदोलन में किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारतीय किसान यूनियन (भाकियू-क्रांतिकारी), भाकियू (एकता आजाद), आजाद किसान कमेटी, दोआबा, भाकियू (बेहरामके), भाकियू (शहीद भगत सिंह) और भाकियू (छोटू राम) सहित कई किसान संगठन हिस्सा ले रहे हैं। किसानों ने कहा कहा कि उनकी मांगों में उत्तर भारत में बाढ़ से प्रभावित किसानों के लिए वित्तीय पैकेज, सभी फसलों पर एमएसपी के लिए कानूनी गारंटी और किसानों की कर्ज माफी सहित अन्य मांगें शामिल हैं। 

बाढ़ राहत पैकेज, कर्ज माफी की मांग
किसान, उत्तर भारतीय राज्यों के लिए 50 हजार करोड़ रुपये के बाढ़ राहत पैकेज और स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट की सिफारिशों के मुताबिक एमएसपी की मांग कर रहे हैं। इसके अलावा आंदोलनकारी, किसानों व मजदूरों का पूरा कर्ज माफ करने की भी मांग कर रहे हैं। उन्होंने तीन कृषि कानूनों (जिन्हें अब निरस्त कर दिया गया है) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान जिन किसानों की मौत हुई उनमें से प्रत्येक के परिवार को 10 लाख रुपये और एक सरकारी नौकरी दिए जाने की मांग भी रखी है। (इनपुट-भाषा)

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