चंडीगढ़ः पंजाब में शुक्रवार को पराली जलाने की घटनाओं में सबसे बड़ी वृद्धि देखी गई और कुल 587 मामले दर्ज किए गए। पंजाब दूर संवेदी केंद्र के आंकड़ों के मुताबिक, 15 सितंबर से एक नवंबर तक राज्य में पराली जलाने की 3,537 घटनाएं दर्ज की गईं। आंकड़ों के मुताबिक, शुक्रवार को पराली जलाने के संगरूर में 79, फिरोजपुर में 70, तरन-तारन में 59, अमृतसर में 40, बठिंडा में 34, कपूरथला में 43, मानसा में 47 और पटियाला में 40 मामले सामने आए।
इन जिलों में भी सामने आए मामले
वहीं, फाजिल्का, रूपनगर और पठानकोट जिले में पराली जलाने का एक-एक मामला दर्ज किया गया। मौजूदा सत्र में इससे पहले सबसे ज्यादा 484 मामले बृहस्पतिवार को सामने आए थे, जिसमें संगरूर जिले में सबसे ज्यादा 89 मामले सामने आए। उसके बाद फिरोजपुर में 65 और मानसा में 40 मामले सामने आए थे। पिछले कुछ दिनों में पराली जलाने के मामलों में भारी वृद्धि हुई है।
तेजी से बढ़ रही हैं पराली जलाने की घटनाएं
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों के दौरान खेतों में आग लगने की घटनाओं में भारी उछाल आया है। चूंकि धान की कटाई के बाद रबी फसल गेहूं के लिए समय बहुत कम होता है। इसलिए कुछ किसान अगली फसल की बुआई के लिए फसल अवशेषों को जल्दी से साफ करने के लिए अपने खेतों में आग लगा देते हैं। 31 लाख हेक्टेयर से अधिक धान क्षेत्र के साथ, पंजाब हर साल लगभग 180-200 लाख टन धान के भूसे का उत्पादन करता है। पंजाब में 2023 में खेतों में आग लगने की कुल 36,663 घटनाएं दर्ज की गईं, जिससे ऐसी घटनाओं में 26 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई
पंजाब की ओबाहवा खराब
बता दें कि दिवाली के अगले दिन शुक्रवार को पंजाब के कई स्थानों पर एक्यूआई बहुत खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। पंजाब में अमृतसर का एक्यूआई 314 यानी बहुत खराब श्रेणी में रहा। मंडी गोबिंदगढ़ में एक्यूआई 331, खन्ना में 308, जालंधर में 253, लुधियाना में 214 और पटियाला में 260 रहा। पंजाब सरकार ने हाल में कहा था कि दिवाली, गुरुपर्व, क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर केवल ग्रीन पटाखे जलाने की ही अनुमति होगी। एक आधिकारिक बयान में पहले कहा गया था कि पंजाब में केवल ग्रीन पटाखे बेचने और उपयोग करने की अनुमति है।
इनपुट- पीटीआई