चंडीगढ़: पंजाब में सियासी पारा सातवें आसमान पर है। इसी बीच पिछले महीने पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारीलाल पुरोहित ने इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के पीछे उन्होंने निजी कारण बताया था। लेकिन राष्ट्रपति के द्वारा उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया। अब गुरुवार को उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें अपने पद पर बने रहने और कार्य करते रहने के लिए कहा गया है।
'वे मुझसे कह रहे हैं कि रुको और काम करो'
मीडियाकर्मियों के साथ बातचीत में पुरोहित ने कहा, ‘‘मैंने इस्तीफा भेज दिया है, लेकिन वे मुझे नहीं छोड़ रहे हैं और मुझसे कह रहे हैं कि रुको और काम करो।’’ उन्होंने बताया, ‘‘उन्होंने कहा कि इस्तीफा स्वीकार नहीं करेंगे।’’ पुरोहित ने बताया कि अपने इस्तीफे में उन्होंने जो कारण दिया था वह पूरी तरह से पारिवारिक, व्यक्तिगत के अलावा और कुछ नहीं था।’’ उन्होंने बताया, ‘‘मेरी पत्नी नागपुर से यहां आयी, लेकिन दस दिन बाद वापस चली गयी। मेरे परिवार को वहां मेरी कमी खल रही है। मैं भारतीय विद्या भवन का अंतरराष्ट्रीय उपाध्यक्ष हूं और मैने नागपुर केंद्र की शुरूआत 1984 में की थी।’’
पिछले महीने दिया था इस्तीफा
बता दें कि बनवारीलाल पुरोहित ने निजी कारणों का हवाला देते हुये पिछले महीने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना त्यागपत्र सौंप दिया था। पुरोहित ने अपने त्याग पत्र में लिखा, "अपने व्यक्तिगत कारणों और कुछ अन्य प्रतिबद्धताओं के कारण, मैं पंजाब के राज्यपाल और केंद्र शासित प्रदेश, चंडीगढ़ के प्रशासक के पद से अपना इस्तीफा दे रहा हूं। कृपया इसे स्वीकार करें और उपकृत करें।" पुरोहित को अगस्त 2021 में पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ प्रशासक के रूप में नियुक्त किया गया था। इससे पहले वह 2016 से 2017 तक असम और 2017 से 2021 तक तमिलनाडु के राज्यपाल के रूप में सेवायें दे चुके हैं।