चंडीगढ़: पंजाब सरकार और राजभवन एक बार फिर से आमने-सामने आ गए हैं। दोनों की लड़ाई अब सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। दरअसल राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने 20-21 अक्टूबर को सरकार द्वारा बुलाये गए विधानसभा सत्र को असंवैधानिक करार दिया था। राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है। अब इस मामले में कोर्ट आज सुनवाई कर सकता है। इसी बीच राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर कहा है कि वे पांच विधेयकों पर जल्द ही फैसला लेंगे।
20 व 21 अक्तूबर को बुलाया गया था विधानसभा का विशेष सत्र
बता दें कि पंजाब की भगवंत मान की सरकार ने 20 व 21 अक्तूबर को विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुलाया था, लेकिन राज्यपाल ने इसे इस आधार पर गैरकानूनी ठहराया था कि बजट सत्र की निरंतरता के रूप में ऐसा कोई सत्र नहीं बुलाया जा सकता। इसके साथ ही राज्यपाल ने दो दिवसीय सत्र में सरकार को तीन वित्त विधेयक पेश करने की अनुमति भी नहीं दी थी। जिसके बाद दो दिन के लिए बुलाया गया सत्र पहले दिन ही मात्र तीन घंटे के बाद ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करना पड़ा था।
कोर्ट जाने का ऐलान सीएम ने सदन में ही किया था
सत्र समाप्ति से पहले विधानसभा में ही सीएम भगवंत मान ने ऐलान किया था कि वह राज्यपाल के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे। उन्होंने कहा था कि अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद ही सत्र बुलाया जाएगा। पंजाब के लोगों को सत्र की वैधता का भरोसा देने के बाद ही कोई बिल सदन में पेश किया जाएगा। जिसके बाद यह तय हो गया था कि सरकार और राजभवन के बीच जंग का एक और नया मुहाना खुल गया है। वहीं इस बीच राज्यपाल ने ने सीएम भगवंत मान पत्र लिखकर भरोसा दिया है कि उनके पास विचाराधीन तीन वित्त विधेयकों समेत पांच विधेयकों पर वे जल्द फैसला लेकर उन्हें सूचित करेंगे। अब सुनवाई से पहले राज्यपाल की इस चिट्ठी ने कई बैटन को हवा दे दी है।
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