पंजाब की भगवंत मान सरकार एक बार फिर विधानसभा सत्र बुलाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अध्यक्षता में पंजाब कैबिनेट ने सोमवार को 16वीं विधानसभा के पांचवें सत्र को 28-29 नवंबर को बुलाने की मंजूरी दे दी। बीते 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट की ओर से आए आदेश के बाद यह फैसला लिया गया है। दरअसल, पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने 19-20 जून को पंजाब सरकार की तरफ से बुलाए गए विधानसभा को अवैध बताया था। इसे लेकर पंजाब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मामले में राज्यपाल को फटकार लगाई थी।
विधानसभा सत्र का कामकाज
सत्र 28 नवंबर को श्रद्धांजलि सन्दर्भों के साथ शुरू होगा और दो दिवसीय विधानसभा सत्र का कामकाज तुरंत ही कार्य सलाहकार समिति की ओर से तय किया जाएगा। मंत्रिमंडल ने पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह खेल विश्वविद्यालय में सीधी भर्ती के जरिए तकनीकी कैडर के नौ पदों को भरने की भी मंजूरी दे दी। इन पदों में असिस्टेंट मैनेजर का एक पद, प्रोग्रामर के दो पद, टेक्निकल असिस्टेंट के दो पद और क्लर्क-कम-डेटा एंट्री ऑपरेटर के पद शामिल हैं। खेल के क्षेत्र में शिक्षा, प्रशिक्षण और पाठ्यक्रमों पर ध्यान केंद्रित करके खेल के स्तर को ऊपर उठाने के मकसद से विश्वविद्यालय की स्थापना की गई थी। ये पद विश्वविद्यालय के काम को सुव्यवस्थित करने में मदद करेंगे और छात्रों को अपने नियमित काम करने में सुविधा प्रदान करेंगे।
कैबिनेट ने राज्य में नहरों और जल निकासी को विनियमित और प्रबंधित करने के लिए पंजाब नहर और जल निकासी विधेयक, 2023 को भी मंजूरी दे दी। विधेयक को अधिनियमित करने का मुख्य उद्देश्य किसानों और भूमि मालिकों को सिंचाई उद्देश्यों, रखरखाव, मरम्मत और नहरों, जल निकासी और प्राकृतिक जल पाठ्यक्रमों की समय पर सफाई के लिए बाधा मुक्त नहर पानी सुनिश्चित करना है। इसके अलावा विधेयक जल उपयोगकर्ताओं की शिकायतों के निवारण और पानी की अनावश्यक बर्बादी के खिलाफ अन्य नियामक प्रतिबंधों के लिए एक निष्पक्ष और पारदर्शी तंत्र सुनिश्चित करेगा।
सीएम मान और राज्यपाल के बीच विवाद
पंजाब सरकार विधानसभा का शीतकालीन सत्र बुलाए जाने को लेकर राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित से मंजूरी मांगेगी। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने करीब पांच दिन पहले ही विधानसभा के चौथे सत्र को स्थायी तौर पर बढ़ाने की प्रक्रिया मंजूरी दी थी। 20-21 अक्टूबर को बुलाई गई बैठक को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। दरअसल, सीएम मान ने राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित पर बिलों का अटकाने का आरोप लगाते हुए विधानसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष को कहा था। वहीं, अब 28-29 नवंबर को विधानसभा सत्र बुलाने के लिए राज्य सरकार पंजाब विधानसभा सचिवालय को पक्ष लिखेगी। इसके बाद सचिवालय राज्यपाल पुरोहित के पास पत्र भेजकर शीतकालीन सत्र के लिए परमिशन लेगा।
बता दें कि मुख्यमंत्री भगवंत मान और राज्यपाल पुरोहित के बीच लंबे समय से खींचतान चल रहा है। विधानसभा में पास बिलों पर राज्यपाल ने दस्तखत नहीं किए, जिसके बाद सीएम और राज्यपाल में विवाद खींचता चला गया। वहीं, जब मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा तो कोर्ट की ओर से राज्पाल को कहा गया कि आप आग से खेल रहे हैं। लोकतंत्र सही मायने में मुख्यमंत्री और राज्यपाल के हाथों से चलता है।
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