पंजाब, हरियाणा समेत कई राज्यों में हाल ही आई बाढ़ से हुए नुकसान को लेकर एक बार किसान सड़क पर उतर आए हैं। किसान मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस बीच, चंडीगढ़ की ओर बढ़ रहे कई किसानों को हरियाणा के अंबाला में मंगलवार को हिरासत में लिया गया। इससे एक दिन पहले ही कुछ किसान नेताओं को हिरासत में लिए जाने को लेकर पंजाब के संगरूर जिले में सोमवार को किसानों के साथ हुई झड़प में ट्रैक्टर-ट्रॉली से कुचलकर एक व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम पांच पुलिसकर्मी घायल हो गए।
"किसानों के लिए कुल 186 करोड़ का मुआवजा"
संगरूर में किसानों के विरोध प्रदर्शन को लेकर पंजाब के मंत्री ब्रह्म शंकर शर्मा ने कहा, ''आप सरकार किसानों के साथ खड़ी है। सरकार द्वारा आज किसानों के लिए कुल 186 करोड़ रुपये का मुआवजा राशि जारी की गई है। धरने पर ज्यादातर किसानों की मांगों का संबंध केंद्र से है। सीएम भगवंत मान प्रति एकड़ और एक किसान की मौत पर मुआवजा राशि बढ़ाना चाहते हैं, लेकिन इसके लिए केंद्र सरकार से मंजूरी की जरुरत है और वह हमें ऐसा करने की इजाजत नहीं दे रही है। राज्य के पास फंड की कोई कमी नहीं है। किसानों को सरकार से बात करनी चाहिए। हम मृतक किसान के परिवार को सहायता देंगे।"
अंतरराज्यीय सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी की गई
प्रदर्शन के मद्देनजर पंजाब, हरियाणा और चंडीगढ़ की अंतरराज्यीय सीमाओं पर मंगलवार को सुरक्षा कड़ी कर दी गई। भारी संख्या में पुलिस बल की तैनाती और कई स्थानों पर कड़ी जांच के मद्देनजर कई किसान शंभू बॉर्डर पहुंच नहीं सके। चंडीगढ़ में सभी प्रवेश एवं निकास बिंदुओं पर सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए हैं, ताकि किसानों को प्रवेश करने से रोका जा सके। अंबाला-चंडीगढ़ सड़क मार्ग पर पुलिस ने कई स्थानों पर अवरोधक लगाए हैं और वहां से गुजर रहे वाहनों की तलाशी ली जा रही है।
पंजाब के राजपुरा में दंगा-रोधी वाहनों और एक सीसीटीवी वाहन को तैनात किया गया है। अंबाला में भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहरी समेत कई किसान नेताओं को सोमवार को हिरासत में लिया गया था। किसान मजदूर संघर्ष समिति, भारतीय किसान यूनियन (क्रांतिकारी), बीकेयू (एकता आजाद), आजाद किसान समिति, दोआबा, बीकेयू (बेहरामके) और भूमि बचाओ मुहिम सहित 16 किसान संगठनों ने यहां प्रदर्शन करने का आह्वान किया है।
केंद्र से 50,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग
किसान नेता पंजाब समेत पूरे उत्तर क्षेत्र में बाढ़ से हुए नुकसान के लिए केंद्र से 50,000 करोड़ रुपये के पैकेज की मांग कर रहे हैं । वे फसल के नुकसान के लिए 50,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा, क्षतिग्रस्त घर के लिए पांच-पांच लाख रुपये और बाढ़ में मारे गए व्यक्तियों के परिवार के लिए 10- 10 लाख रुपये मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं। किसानों ने दावा किया था कि उनके कई नेताओं को पंजाब के विभिन्न हिस्सों से सोमवार को हिरासत में लिया गया और कुछ किसानों को उनके प्रस्तावित प्रदर्शनों से पहले हरियाणा के अंबाला और कुरुक्षेत्र में भी हिरासत में लिया गया। किसानों ने अपने नेताओं को हिरासत में लिए जाने के विरोध में अमृतसर और तरनतारन में कुछ टोल प्लाजा की घेराबंदी भी की। गन्ना संघर्ष समिति और भारतीय किसान यूनियन ने सरकार से हिरासत में लिए गए सभी किसान नेताओं को तुरंत रिहा किए जाने की मांग की और कहा कि ऐसा नहीं होने पर एक बड़ा आंदोलन किया जाएगा।