चंडीगढ़ः पंजाब में कांग्रेस की गुटबाजी कम होने का नाम नहीं ले रही है। नवनियुक्त प्रभारी देवेंद्र यादव के सामने मंगलवार को प्रदेश कांग्रेस की अंतर्कलह एक बार फिर खुलकर सामने आ गई। आग में घी डालने का काम किया पंजाब कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू ने जिन्होंने चंडीगढ़ में हो रही बैठक में आने की बजाय पंजाब के होशियारपुर में जाकर एक रैली कर दी और इस रैली के दौरान कांग्रेस को अपना अस्तित्व बचाने से लेकर पुराने कांग्रेसी नेताओं का सम्मान करने और रोड मैप वाले नेताओं को आगे लाने की नसीहत दे दी।
सिद्धू को कांग्रेस से बाहर करने की मांग
सूत्रों के मुताबिक इसके बाद पंजाब कांग्रेस प्रदेश प्रभारी देवेंद्र यादव के सामने कई कांग्रेसी नेताओं ने खुलकर नवजोत सिंह सिद्धू को पार्टी से बाहर निकालने की मांग कर दी। होशियारपुर रैली में नवजोत सिंह सिद्धू के संबोधन का जिक्र भी पंजाब कांग्रेस के नेताओं ने देवेंद्र यादव के सामने किया और इसे अनुशासनहीनता बताया। जवाब में देवेंद्र यादव ने सिद्धू और उनके खेमे से नाराज पंजाब कांग्रेस के सीनियर नेताओं को संयम रखने और बुधवार को नवजोत सिंह सिद्धू का पक्ष सुनने की बात कहकर किसी तरह से मामले को टालने का प्रयास किया।
पूर्व सीएम चन्नी समेत ये बड़े नेता भी मीटिंग में नहीं आए
पहले से ही तय कार्यक्रम के मुताबिक नये प्रभारी के साथ पंजाब कांग्रेस के नेताओं की ये पहली बैठक थी लेकिन पूर्व प्रदेश अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू होशियारपुर में अपनी रैली में हिस्सा लेने चले गए जबकि पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी, पूर्व कैबिनेट मंत्री परगट सिंह, पूर्व कैबिनेट भारत भूषण आशु, सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, सांसद गुरजीत सिंह औजला और पूर्व कैबिनेट गुरकीरत सिंह कोटली भी तीन दिन की बैठकों के दौर के पहले दिन उनसे मिलने नहीं आए। इससे कई कयास भी लग रहे हैं।