पंजाब के पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने भ्रष्टाचार के एक मामले में मनप्रीत बादल को अंतरिम जमानत जमानत दे दी है। बता दे कि 4 अक्टूबर को बठिंडा की अदालत द्वारा अग्रिम जमानत की अर्जी खारिज किए जाने के बाद मनप्रीत बादल ने हाई कोर्ट का रुख किया था। पूर्व मंत्री बादल की ओर से दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए जज विकास बहल की बेंच ने बादल को अंतरिम जमानत दे दी है।
कई राज्यों में छापेमारी
पंजाब के सतर्कता ब्यूरो ने पूर्व वित्त मंत्री मनप्रीत बादल समेत पांच अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी। बठिंडा की अदालत ने इससे पहले बादल के खिलाफ अरेस्ट वारंट जारी किया था। पुलिस ने जाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और राजस्थान के कई स्थानों पर बादल की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की थी। हालांकि, पुलिस को अब तक कामयाबी हाथ नहीं लगी।
क्या है आरोप?
पंजाब के सतर्कता ब्यूरो ने पूर्व विधायक सरूप चंद सिंगला की ओर से की गई शिकायत के बाद बादल पर कार्रवाई शुरू की थी। 2021 में सिंगला ने आरोप लगाया था कि बठिंडा के अहम इलाके में जमीन खरीदने में बादल ने कथित तौर पर अनियमितता बरती है। उन्होंने आरोप लगाया था कि कांग्रेस सरकार में मंत्री रहते हुए बादल ने अपने पद का दुरुपयोग किया और दो व्यावसायिक जमीन को आवासीय जमीन में तब्दील किया। इससे राज्य के खजाने को नुकसान हुआ।
क्या बोले बादल के वकील?
रिपोर्ट के मुताबिक, बादल के वकील ने बादल पर कार्रवाई को गलत बताया है। उन्होंने पंजाब की वर्तमान सरकार पर अपने विरोधियों के प्रति बदले की भावना, उनकी उत्पीड़न और सार्वजनिक अपमान करने का आरोप लगाया है। उन्होंने बादल पर FIR को दुर्भावनापूर्ण और सरकार द्वारा निर्देशित बताया है। उन्होंने राज्य सरकार पर एजेंसियों का अपने व्यक्तिगत काम के लिए उपयोग करने का भी आरोप लगाया।
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