पंजाब सरकार ने केंद्र सरकार पर किसानों को उनकी फसलों के लिए मिलने वाली डाई अमोनियम फास्फेट (डीएपी) खाद की घटिया क्वालिटी भेजने के आरोप लगाए हैं। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने आरोप लगाया है कि जिन कंपनियों से केंद्र सरकार ने डीएपी खाद लेकर पंजाब में भेजी है, उस खाद की क्वालिटी बेहद ही घटिया है और ऐसे में किसानों को इसका नुकसान उठाना पड़ रहा है। बता दें कि केंद्र सरकार ने 22000 टन डीएपी अप्रैल महीने में पंजाब भेजी थी। पंजाब सरकार के कृषि विभाग ने इस डीएपी खाद के करीब 40 सैंपल लिए थे, लेकिन इन सैंपलों में 24 सैंपल जांच के दौरान फेल हो गए।
घटिया खाद की क्वालिटी पर केंद्र और पंजाब सरकार आमने-सामने
बता दें कि केंद्र सरकार का केंद्रीय रसायन व उर्वरक मंत्रालय डीएपी खाद के लिए टेंडर लगाता है और संबंधित राज्यों को उनकी मांग के अनुसार हर महीने डीएपी आवंटित की जाती है। डीएपी खाद की घटिया क्वालिटी की वजह से किसानों को फसल पैदावार में नुकसान होने की बात भी सामने आ रही है। किसानों का कहना है कि उनकी फसल को घटिया डीएपी की वजह से काफी नुकसान हुआ है और उनके नुकसान की भरपाई अब क्या केंद्र सरकार करेगी या पंजाब सरकार। पंजाब के मनसा में किसानों ने अपने खेतों में कम हुई पैदावार को दिखाया और किसान नेता रुलदु सिंह ने कहा कि किसानों की फसल को घटिया डीएपी की वजह नुकसान हुआ है। उसकी भरपाई को लेकर केंद्र सरकार या पंजाब सरकार को जवाबदेह होना पड़ेगा, नहीं तो किसानों की ओर से आंदोलन किया जाएगा।
पंजाब के वित्तमंत्री ने कही ये बात
इस पूरे मामले पर पंजाब सरकार के वित्त मंत्री हरपाल चीमा ने कहा कि केंद्र सरकार ने जिन कंपनियों को डीएपी खाद भेजने के लिए तय किया था, वो घटिया खाद की सप्लाई कर रही हैं और केंद्र सरकार को इस बात का जवाब देना होगा कि घटिया खाद की सप्लाई से पंजाब के किसानों को जो नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कैसे होगी। हरपाल चीमा ने कहा कि पंजाब सरकार अपने स्तर पर भी इस मामले की जांच करेगी और उन कंपनियों के बारे में भी पता लगाने का प्रयास किया जाएगा, जिन्होंने ये घटिया खाद पंजाब में भेजी है। अब बड़ा सवाल ये है कि घटिया खाद के उपयोग के कारण किसानों की पैदावार पर जो असर पड़ेगा, उसके लिए जवाबदेह कौन होगा और जो घटिया क्वालिटी की खाद पंजाब में भेजी गई है उसे क्या भेजने वाली कंपनी वापस लेने को तैयार होंगी।