चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को यहां शिरोमणि अकाली दल (SAD) कार्यालय में पंजाब के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के अंतिम दर्शन कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक बादल को सांस लेने में तकलीफ की शिकायत के बाद 16 अप्रैल को मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्होंने मंगलवार रात करीब आठ बजे अंतिम सांस ली। वह 95 वर्ष के थे।
चंडीगढ़ पहुंचने के बाद पीएम मोदी सिख धर्म की परंपरा के अनुरूप सिर पर केसरिया पटका बांध सीधे शिअद कार्यालय पहुंचे। पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित और हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर भी उनके साथ थे। प्रधानमंत्री ने बादल के पार्थिव शरीर पर पुष्पांजलि अर्पित की। पीएम मोदी पार्थिव शरीर पर फूल चढ़ाने के बाद सुखबीर सिंह बादल के पास पहुंचे और उनके बगल में जमीन पर बैठ गए। प्रधानमंत्री सुखबीर सिंह बादल का हाथ थामे शिअद प्रमुख के पिता के निधन पर दुख व्यक्त करते नजर आए। वह यहां करीब 10 मिनट रुके।
पंजाब की राजनीति में सात दशक से अधिक समय तक रहे प्रकाश सिंह बादल का पार्थिव शरीर यहां पार्टी कार्यालय में कुछ घंटों के लिए रखा गया है ताकि लोग और राजनीतिक नेता उन्हें श्रद्धांजलि दे सकें। मोदी के वहां से रवाना होने के तुरंत बाद बादल के पार्थिव शरीर को मुक्तसर में उनके पैतृक गांव ले जाया गया जहां आज बृहस्पतिवार दोपहर में उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। मोदी ने मंगलवार को बादल के निधन को ‘‘व्यक्तिगत क्षति’’ बताते हुए कहा था कि वह (बादल) भारतीय राजनीति की एक महान शख्सियत थे, जिन्होंने देश के विकास में अहम योगदान दिया। मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘प्रकाश सिंह बादल के निधन से अत्यंत दुखी हूं। वह भारतीय राजनीति के एक विशाल व्यक्तित्व और एक उल्लेखनीय राजनेता थे। उन्होंने हमारे राष्ट्र के विकास में अहम योगदान दिया। उन्होंने पंजाब की प्रगति के लिए अथक प्रयास किए और महत्वपूर्ण समय के दौरान राज्य को नेतृत्व प्रदान किया।’’
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘मुझे उनके साथ हुई कई बातचीत याद है, जिसमें उनका विवेक हमेशा स्पष्ट रूप से झलकता था। उनके परिवार और अनगिनत समर्थकों के प्रति संवेदना।’’ पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, पंजाब के शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस, इंडियन नेशनल लोकदल (इनेलो) के सुप्रीमो और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओम प्रकाश चौटाला, इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला, गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी और पंजाब की पूर्व मुख्यमंत्री राजिंदर कौर भट्टल, शिअद नेता बिक्रम सिंह मजीठिया, प्रेम सिंह चंदूमाजरा, बलविंदर सिंह भुंडर सहित कई नेताओं ने दिवंगत आत्मा को श्रद्धांजलि दी।
प्रकाश सिंह बादल का जन्म आठ दिसंबर 1927 को पंजाब के बठिंडा के अबुल खुराना गांव में हुआ था। बादल ने लाहौर के फॉरमैन क्रिश्चियन कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। बठिंडा जिले के बादल गांव के सरपंच बनने के साथ ही उन्होंने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। वर्ष 1957 में कांग्रेस के टिकट पर वह मलोट से पंजाब विधानसभा के लिए चुने गए। वर्ष 1969 में उन्होंने अकाली दल के टिकट पर गिद्दड़बाहा विधानसभा सीट से जीत हासिल की। पंजाब के तत्कालीन मुख्यमंत्री गुरनाम सिंह के कांग्रेस का दामन थामने के बाद अकाली दल फिर से संगठित हो गया। अकाली दल ने 27 मार्च 1970 को बादल को अपना नेता चुना। इसके बाद अकाली दल ने जनसंघ के समर्थन से राज्य में सरकार बनाई। वह तब देश के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री बने।
हालांकि यह गठबंधन सरकार एक साल से थोड़ा ज्यादा समय तक ही चल पाई। इसके बाद वह 1977-80, 1997-2002, 2007-12 और 2012-2017 में भी राज्य के मुख्यमंत्री रहे। अपने राजनीतिक जीवन के आखिरी पड़ाव में बादल ने अकाली दल की बागडोर बेटे सुखबीर सिंह बादल को सौंप दी थी।