चंडीगढ़: पंजाब में राजकीय चिकित्सकों ने सरकार द्वारा उनकी मांगों पर लिखित आश्वासन नहीं दिए जाने के बाद बृहस्पतिवार से बाह्य रोगी विभाग (ओपीडी) सेवाएं पूरी तरह बंद करने की घोषणा की। पंजाब मंत्रिमंडल की उप-समिति के साथ यहां हुई बैठक के बाद प्रदर्शनकारी चिकित्सकों ने बुधवार कहा कि समिति सैद्धांतिक रूप से उनकी सभी मांगों पर सहमत हो गई है, जिसमें सुनिश्चित पदोन्नति योजना (एसीपी)की बहाली भी शामिल है।
इस वजह से हड़ताल आगे बढ़ाने पर लिया फैसला
उन्होंने कहा कि लेकिन उनकी मांगों पर कोई लिखित आश्वासन न मिलने की वजह से चिकित्सकों ने अपने आंदोलन के अगले चरण पर आगे बढ़ने का फैसला किया है। पंजाब सिविल मेडिकल सर्विसेज (पीसीएमएस) एसोसिएशन के बैनर तले करीब 2,500 राजकीय चिकित्सकों ने अपनी मांगों को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांगों में एसीपी योजना को बहाल करना और स्वास्थ्य पेशेवरों के लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय की मांग शामिल है।
पीसीएमएस एसोसिएशन के अध्यक्ष ने दी ये जानकारी
पीसीएमएस एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.अखिल सरीन ने बताया कि एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने बुधवार को पंजाब मंत्रिमंडल उप-समिति के साथ बैठक की, जिसमें स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह, वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री अमन अरोड़ा और एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप धालीवाल शामिल थे। डॉ.सरीन ने कहा, ‘‘वे सिद्धांततः हमारी सभी मांगों पर सहमत हो गये। उन्होंने कहा कि जब शाम तक राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों पर कोई आधिकारिक सूचना जारी नहीं की गई तो उन्होंने आंदोलन के अगले चरण पर आगे बढ़ने का निर्णय लिया।
उन्होंने बताया कि पीसीएमएस एसोसिएशन ने सभी जिला, उप-मंडल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों में 9 से 11 सितंबर तक सुबह 8 बजे से 11 बजे तक तीन घंटे के लिए ओपीडी सेवाएं निलंबित की थीं। डॉ.सरीन ने बताया कि आंदोलन के अगले चरण में चिकित्सक 12 सितंबर से तीन दिन के लिए ओपीडी सेवाएं पूरी तरह बंद रखेंगे। हालांकि, आपातकालीन सेवाएं, पोस्टमार्टम और चिकित्सा कानूनी जांच जारी रहेंगी।
इनपुट- भाषा