
पंजाब की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक क्रांतिकारी मुहिम की शुरुआत की है। भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस पॉलिसी’ के तहत मुख्यमंत्री ने न सिर्फ भ्रष्ट अधिकारियों बल्कि अपनी ही सरकार के मंत्री और विधायकों तक पर कार्रवाई की। मुख्यमंत्री मान ने 16 मार्च 2022 को शहीद भगत सिंह के पैतृक गांव खटकड़ कलां में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। इसके बाद 23 मार्च शहीद-ए-आजम भगत सिंह की पुण्यतिथि पर उन्होंने पंजाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ एक निर्णायक अभियान की शुरुआत की। इस अभियान के तहत उन्होंने भ्रष्टाचार के मामलों को उजागर करने के लिए एक व्हाट्सएप नंबर 9501200200 जारी किया, ताकि आम लोग सीधे प्रशासन तक अपनी शिकायतें पहुंचा सकें।
भ्रष्टाचार पर हुई करारी चोट, कई गिरफ्तार
मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार विरोधी एक्शन लाइन पर ऑडियो/वीडियो रिकॉर्डिंग सहित कुल 13,806 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से 8,050 शिकायतें अन्य विभागों से संबंधित थीं और उन विभागों को विचार के लिए भेज दी गईं। कुल 917 बची हुई शिकायतों को जांच के लिए विजिलेंस ब्यूरो के विभिन्न संबंधित एसएसपी, विजिलेंस ब्यूरो रेंज को भेज दिया गया है, जिनमें से 194 शिकायतें दर्ज की गई हैं और कुल 194 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा 23-03-2022 से 30-11-2024 की अवधि के दौरान ब्यूरो द्वारा दर्ज विभिन्न 695 मामलों में कुल 778 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। इसी अवधि के दौरान, विभिन्न अदालतों द्वारा 89 सतर्कता मामलों का निपटारा किया गया, 119 आरोपियों को सजा सुनाई गई और गहन जांच के लिए 239 सतर्कता जांच दर्ज की गईं।
मंत्री तक को कर दिया बर्खास्त
पंजाब में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री की कठोर कार्रवाई का एक महत्वपूर्ण उदाहरण 24 मई 2022 को देखने को मिला। उस दिन, मुख्यमंत्री मान ने खुद स्वास्थ्य मंत्री डॉ. विजय सिंगला को भ्रष्टाचार के आरोपों में बर्खास्त कर दिया। यह घटना इतिहास में पहली बार हुई जब किसी सरकार ने बिना किसी सार्वजनिक दबाव के अपने ही मंत्री के खिलाफ कार्रवाई की। इसके बाद विजिलेंस ने सिंगला को गिरफ्तार कर लिया। यह कदम बताता है कि भगवंत मान भ्रष्टाचार के मामलों में किसी भी प्रकार की कोताही नहीं बरतने के पक्षधर हैं। पंजाब सरकार की भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम में विजिलेंस ब्यूरो ने कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। इस दौरान कई अधिकारियों और नेताओं के खिलाफ जांच की गई।
आईएएस अधिकारी भी हुए अरेस्ट
भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम में 20 जून 2022 को आईएएस अधिकारी संजय पोपली को गिरफ्तार किया गया। उनकी संपत्ति की जांच में सोने और चांदी की भारी मात्रा में बरामदगी हुई, जिससे भ्रष्टाचार के मामलों का अंदाजा लगा। इसके अलावा, पूर्व उद्योग मंत्री सुंदर शाम अरोड़ा और कई अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी FIR दर्ज की गई और उन्हें गिरफ्तार किया गया। 16 फरवरी 2023 को बठिंडा देहाती से आम आदमी पार्टी के विधायक अमित रतन कोटफत्ता को 4 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा, जलालाबाद के विधायक गोल्डी कंबोज के पिता सुरेंदर कंबोज को भी ब्लैकमेलिंग के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
भ्रष्टाचार से लड़ाई में कोई अपना-पराया नहीं
मुख्यमंत्री ने अपने ही विधायकों और मंत्रियों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई संकोच नहीं किया, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि उनकी सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ किसी भी तरह की सहनशीलता नहीं है। भ्रष्टाचार के खिलाफ इस मुहिम में जनता की सक्रिय भागीदारी भी महत्वपूर्ण रही। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने एक एंटी करप्शन एक्शन लाइन बनाई, जिस पर अब तक 10 हजार से ज्यादा शिकायतें प्राप्त हो चुकी हैं। इसके अलावा मान सरकार ने भ्रष्टाचार निवारण ईमेल आईडी transparency.hud@gmail.com भी जारी की है। अगर कोई भी रियल एस्टेट डेवलपर से रिश्वत मांगता है तो वो उसकी शिकायत इस ईमेल आईडी पर कर सकते हैं। ऐसे में किसी भी भ्रष्टाचारी रियल एस्टेट डेवलपर के लिए जनता को चूना लगाना मुश्किल होगा।
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