पंजाब सरकार ने पांच साल पहले निलंबित किये गये भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अधिकारी परमराज सिंह उमरानंगल को गुरुवार को बहाल कर दिया। गृह एवं न्याय विभाग के एक आदेश के अनुसार, उमरानंगल को तत्काल प्रभाव से बहाल कर दिया गया है। वर्ष 2015 में गुरु ग्रंथ साहिब की कथित बेअदबी को लेकर प्रदर्शन कर रहे लोगों पर गोलीबारी के मामले में उमरानंगल को आरोपी बनाया गया था। इसके बाद 2019 में उन्हें निलंबित कर दिया गया था। अब गृह मंत्रालय ने उनकी सेवा बहाल करने का आदेश दिया है।
आदेश के मुताबिक, “पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के दो फरवरी 2024 के आदेशों के अनुपालन में आईपीएस अधिकारी परमराज सिंह उमरानंगल को तत्काल प्रभाव से सेवा में बहाल किया जाता है।” आदेश के मुताबिक, “नियमित नियुक्ति आदेश जारी होने तक उन्हें अपने ड्यूटी की जानकारी के लिए पुलिस महानिदेशक के कार्यालय में रिपोर्ट करना होगा।”
2019 में हुए थे निलंबित
पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने इस साल फरवरी में उमरानंगल के निलंबन को रद्द कर दिया था। उमरानंगल ने उच्च न्यायालय में अदालत की अवमानना याचिका दाखिल की थी, जिस पर अदालत ने पांच जुलाई को कहा था कि ऐसा कोई तथ्य नहीं है, जिसके आधार पर राज्य सरकार उमरानंगल को काम पर लौटने से रोक सके। उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 15 जुलाई की तारीख तय की है। उमरानंगल को 2019 में निलंबित किया गया था और उस समय वह पुलिस महानिरीक्षक थे। वर्ष 2015 में बेअदबी की घटनाओं के बाद पुलिस गोलीबारी के मामलों में वह आरोपियों में से एक थे। (इनपुट-पीटीआई भाषा)
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