लोकसभा चुनव को लेकर सत्ता पक्ष को मात देने के लिए विपक्षी पार्टियां एकजुट होने और गठबंधन को मजबूत करने के प्रयास में लगातार जुटी हैं। विपक्ष के बीच कौन कितनी सीटों पर कहां से लड़ेगा ये सबसे बड़ा मुद्दा है। सीट शेयरिंग को लेकर एक तरफ जहां आज कांग्रेस और समाजवादी पार्टी की बैठक हो रही है तो वहीं इसी बीच पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बड़ा बयान देकर विवादों को हवा दे दी है। आम आदमी पार्टी वैसे तो सीट शेयरिंग और कांग्रेस को पंजाब में मनोनुकूल सीटें देने की बात कह रही है तो वहीं आप नेता भगवंत मान ने साफ कर दिया है उनकी पार्टी पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी और जीत दर्ज करेगी।
मान की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब दोनों दलों के वरिष्ठ नेता पंजाब और दिल्ली में सीट बंटवारे को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत कर रहे हैं। मान ने आज कहा, ''(2024 के लोकसभा चुनाव में) आप की जीत 13-0 होगी। आप पंजाब में सभी 13 लोकसभा सीटें जीतेगी।''
मेयर पद साथ मिलकर लड़ेंगे आप और कांग्रेस
बता दें कि पिछले साल, कांग्रेस और AAP की दिल्ली और पंजाब इकाइयों ने भाजपा के खिलाफ गठबंधन बनाने में अनिच्छा दिखाई थी। दोनों पार्टियों के नेताओं ने कहा था कि वे अलग-अलग चुनाव लड़ेंगे. हालांकि, 2024 में, इंडिया गठबंधन के घटक दलों ने एक दूसरे की भागीदारी निश्चित की है। पिछले हफ्ते दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात की थी.और सीट शेयरिंग को लेकर भी चर्चा की थी।
एक बड़ी सफलता में, AAP और कांग्रेस सोमवार को चंडीगढ़ में 18 जनवरी को होने वाले मेयर पद के लिए सहयोगी के रूप में चुनाव लड़ने पर सहमत हुए थे और ये तय हुआ था किआप उम्मीदवार कुलदीप कुमार टीटा मेयर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे, जबकि कांग्रेस के गुरप्रीत सिंह गैबी और निर्मला देवी क्रमशः वरिष्ठ डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर पद के लिए चुनाव लड़ेंगे।
35 सदस्यीय चंडीगढ़ नगर निगम में भाजपा के 14 पार्षद हैं। इसमें एक पदेन सदस्य सांसद भी होता है जिसके पास मतदान का अधिकार होता है। आप के 13 और कांग्रेस के सात पार्षद हैं। सदन में शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद है।अगर गुप्त मतदान में क्रॉस वोटिंग नहीं हुई तो आप-कांग्रेस गठबंधन को बड़ी जीत मिलने की उम्मीद है।
कांग्रेस और आप में बनेगी सहमति?
भगवंत मान की टिप्पणी से पता चलता है कि सीट शेयरिंग के लिए कांग्रेस के साथ आम आदमी पार्टी की चर्चा अभी तक उन्नत स्तर तक नहीं पहुंची है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस दोनों राज्यों में कट्टर प्रतिद्वंद्वी हैं। यह AAP ही थी जिसने दोनों राज्यों में कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया। हालांकि, पिछले पांच वर्षों में पंजाब की राजनीतिक स्थिति में भारी बदलाव आया है। 2019 में पंजाब में मामूली खिलाड़ी रही AAP अब राज्य पर शासन कर रही है। साथ ही, कांग्रेस अमरिंदर सिंह के नेतृत्व के बिना चुनाव में उतर रही है, जो तब से भाजपा में शामिल हो गए हैं।