पंजाब में ड्रग्स से जुड़े कई साल से बंद पड़े मामलों को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने खोल दिया है। इस संबंध में मुख्यमंत्री भगवंत मान ने ट्वीट कर कहा कि हाईकोर्ट ने पिछले कई साल से बंद पड़े मामले खोल दिए हैं। इस संबंध में तीन लिफाफे सरकार के पास पहुंच गए हैं। भगवंत मान ने अपने ट्वीट में यह भी कहा कि जिन लोगों ने पंजाब की जवानी को नशे से बर्बाद करने की कोशिश की है उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
कभी ड्रग्स के सेवन की लिस्ट में टॉप पर रहने वाले और यहां तक कि 'उड़ता पंजाब' कहे जाने वाले पंजाब राज्य में ड्रग्स की तस्करी एक बहुचर्चित सामाजिक, आपराधिक और राजनीतिक मुद्दा बना हुआ है। पंजाब सरकार की ओर से इस खतरे पर अंकुश लगाने के लिए एक विशेष कार्य बल (STF) का गठन किया गया, इसके बावजूद राज्य अभी भी इस परेशानी से जूझ रहा है।
हालांकि राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य अब ड्रग्स के इस्तेमाल और तस्करी के मामले में तीसरे स्थान पर आ गया है। रिपोर्ट से पता चला कि एनडीपीएस अधिनियम के तहत दर्ज 10,432 एफआईआर के साथ उत्तर प्रदेश अब शीर्ष स्थान पर है। इसके बाद महाराष्ट्र (10,078) और पंजाब (9,972) का स्थान है।
चंडीगढ़ के पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) के सामुदायिक चिकित्सा विभाग की ओर से इस साल जारी की गई पुस्तक 'रोडमैप फॉर प्रिवेंशन एंड कंट्रोल ऑफ सब्सटेंस एब्यूज इन पंजाब' के दूसरे संस्करण में कहा गया है कि 30 लाख से अधिक लोग या लगभग पंजाब की 15.4 फीसदी आबादी इस समय ड्रग्स का सेवन कर रही है।
पंजाब में हर साल करीब 7,500 करोड़ रुपये का ड्रग्स का कारोबार होने का अनुमान है। नशे के कारण कई परिवारों ने अपने परिवार के सदस्यों को खोया है। मकबूलपुरा को अनाथों और विधवाओं के गांव के रूप में जाना जाता है, क्योंकि नशीली दवाओं के ज्यादातर पीड़ित वहीं से आते हैं। बढ़ती चिंता के बीच, सुप्रीम कोर्ट ने इस महीने राज्य सरकार को ड्रग्स के खतरे पर नजर रखने और गंभीर होने का निर्देश दिया था।
इस साल अगस्त में राज्य भर में संवेदनशील मार्गों पर गश्त करने के अलावा नशा प्रभावित क्षेत्रों में महीने भर की घेराबंदी और तलाशी अभियान चलाने के बाद पंजाब पुलिस ने 260 शीर्ष अपराधियों सहित 2,205 तस्करों को गिरफ्तार किया। कुल 1,730 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें से 145 व्यावसायिक मात्रा से संबंधित हैं।
पुलिस ने राज्यभर से 30 किलो हेरोइन, 75 किलो अफीम, 9 किलो गांजा और 185 क्विंटल चूरा चूरा, 12.56 लाख टैबलेट या कैप्सूल या इंजेक्शन या फार्मा ओपिओइड की शीशियां भी बरामद की हैं। मारिजुआना हिमाचल प्रदेश के माध्यम से पंजाब में प्रवेश करता है, जबकि अफीम और अफीम की भूसी राजस्थान और मध्य प्रदेश से आती है।
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