Friday, March 21, 2025
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खनौरी बॉर्डर से ट्रैक्टर-ट्रॉली ले जा सकते हैं किसान, बस करना होगा छोटा सा काम, पटियाला DIG ने दिए निर्देश

पुलिस ने कहा कि किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर जा सकते हैं, लेकिन उन्हें पहले अपना पहचान पत्र दिखाना होगा और इसके साथ ही दो गवाह भी साथ लाने होंगे। ट्रैक्टर ले जाने के लिए उसके डॉक्यूमेंट दिखाना जरूरी होगा।

Edited By: Shakti Singh
Published : Mar 20, 2025 20:04 IST, Updated : Mar 20, 2025 20:04 IST
Khanauri border
Image Source : X/ANI पुलिस ने खनौरी बॉर्डर खाली करा लिया है

पंजाब के संगरूर में पुलिस ने खनौरी बॉर्डर खाली करा लिया है। किसानों के सामान और अस्थायी ढांचों को हटा दिया गया है। पुलिस ने किसानों का सामान बर्डर से तीन किलोमीटर दूर रख दिया है। पुलिस ने यह भी साफ किया है कि किसान अपना सामान ले जा सकते हैं, लेकिन उन्हें अपने डॉक्युमेंट दिखाने होंगे और साथ में दो गवाह भी लाने होंगे। इससे पहले पंजाब सरकार की तरफ से कहा गया है कि पंजाब सरकार किसानों के साथ है, लेकिन किसान लंबे समय से बॉर्डर खाली नहीं कर रहे हैं। इस वजह से राज्य सरकार को मजबूरन यह कार्रवाई करनी पड़ी है।

पटियाला रेंज के DIG मनदीप सिंह सिद्धू ने कहा, "खनौरी बॉर्डर पर एक बड़ा रास्ता खाली करा लिया गया है और ट्रैक्टर-ट्रॉली जैसी चीजों को बॉर्डर से 3 किलोमीटर दूर शिफ्ट कर रहे हैं। अगर कोई वहां से अपनी ट्रॉली ले जाना चाहता है, तो वह अपनी पहचान प्रमाण पत्र दिखा कर और 2 गवाह के साथ आकर अपनी ट्रॉली ले जा सकता है। अगर कोई अपना ट्रैक्टर ले जाना चाहता है तो ट्रैक्टर के दस्तावेज दिखाकर और 2 गवाह और आधार कार्ड के साथ आकर ट्रैक्टर ले जा सकता है। कल किसानों ने हमारे साथ सहयोग किया। हिरासत में लिए गए किसानों की उचित देखरेख की जा रही है।"

13 महीने बाद खाली हुआ खनौरी बॉर्डर 

खनौरी बॉर्डर और शंभू बॉर्डर पर लगभग एक साल से किसानों का कब्जा था। आम लोगों की आवाजाही के लिए ये रास्ता बंद था। 13 महीने बाद इन रास्तों को खोला गया है। टियाला के एसएसपी नानक सिंह का कहना है कि पंजाब के लोगों के लिए शंभू बॉर्डर गुरुवार को खोल दिया जाएगा। सिंह ने जानकारी दी कि करीब 100 किसानों को हिरासत में लिया गया है।

क्या है मामला?

किसान लंबे समय से एमएसपी सहित अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे। किसानों का आंदोलन केंद्र सरकार के खिलाफ था। वह किसानों के लिए एमएसपी कानून की मांगग कर रहे थे। किसान नेताओं और सरकार के बीच इससे पहले छह दौर की वार्ता हो चुकी थी, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला था। ऐसे में अधिकारियों ने प्लान बनाया। जैसे ही किसान केंद्रीय मंत्रियों के साथ बैठक कर बाहर निकले तो उन्हें मोहाली में हिरासत में ले लिया गया। किसान नेता डल्लेवाल भी हिरासत में लिए गए हैं। भूख हड़ताल के प्रभाव को ध्यान में रखते हुए उनकी सेहत का ध्यान रखा जा रहा है।

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