चंडीगढ़: अपने तीन दिवसीय विरोध प्रदर्शन के आखिरी दिन मंगलवार को किसानों के प्रतिनिधियों ने अपनी विभिन्न मांगों को लेकर पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां से मुलाकात की। किसानों के प्रतिनिधि विभिन्न मांगों के सिलसिले में अब राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित से मिलेंगे। फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने का केंद्र पर दबाव डालने के लिए बड़ी संख्या में किसान मोहाली-चंडीगढ़ सीमा पर एकत्र हुए हैं।
दर्ज मामले वापस लेने,मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की मांग
किसान अब निरस्त हो चुके कृषि कानूनों के खिलाफ 2020-21 के आंदोलन के दौरान उनके खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लेने, आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों के लिए मुआवजा और किसी एक सदस्य के लिए नौकरी, कर्ज माफी तथा पेंशन की भी मांग कर रहे हैं। खुड्डियां ने पंजाब के किसानों के एक प्रतिनिधिमंडल से यहां मुलाकात के बाद संवाददाताओं को बताया कि किसानों ने कहा है कि वे विभिन्न मांगों के संबंध में चार दिसंबर तक राज्य सरकार को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपेंगे। उन्होंने कहा कि किसानों के प्रतिनिधि 19 दिसंबर को पंजाब के मुख्यमंत्री से भी मिलेंगे।
राज्यपाल से भी मिलेंगे किसान नेता
पंजाब के किसान नेता रुलदू सिंह मानसा ने कहा कि राज्य सरकार से संबंधित मांगों को लेकर कृषि मंत्री को एक ज्ञापन सौंपा गया, जबकि एक विस्तृत ज्ञापन चार दिसंबर तक दिया जाएगा। उन्होंने कहा, ‘हम चार दिसंबर तक कृषि मंत्री को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपेंगे। हमारी विभिन्न मांगों को लेकर संबंधित विभाग भी 19 दिसंबर की बैठक में हिस्सा लेंगे। इनमें मुआवजा मुद्दा और किसानों के खिलाफ मामले वापस लेने की मांग शामिल हैं।’ पंजाब के राज्यपाल ने राज्य के किसान प्रतिनिधियों को बैठक के लिए बुलाया है।
किसान नेताओं ने कहा कि एसकेएम की अगली कार्रवाई इस बैठक के बाद तय की जाएगी। किसान जुलाई और अगस्त में बाढ़ से हुई फसल क्षति का मुआवजा देने, मक्का, मूंग, गन्ना जैसी फसलों को निश्चित मूल्य पर खरीदने, 450 रुपये प्रति क्विंटल गन्ना मूल्य देने, बकाया गन्ना भुगतान जारी करने और पराली जलाने के लिये किसानों के खिलाफ दर्ज मामले वापस लेने की मांग कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन के कारण भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई है और कुछ सड़कों पर यातायात को वैकल्पिक मार्गों पर मोड़ दिया गया है। (भाषा)