चंडीगढ़: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को किसान नेता डल्लेवाल को अस्थायी अस्पताल में भर्ती कराने का निर्देश दिया है। हालांकि किसान नेता लखविंदर औलख ने कहा कि जगजीत डल्लेवाल को अस्थायी अस्पताल में शिफ्ट नहीं करेंगे। कोई अगर जबरदस्ती ले जाने का प्रयास करेगा तो उसे हमारी लाश से होकर गुजरना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि कल जो सरकारी डॉक्टरों ने रिपोर्ट दी है वो पूरी तरह से गलत है। वहीं किसान नेता अभिमन्यु कुहाड़ ने कहा कि अगर सरकारी डाक्टर और अधिकारी ये कह रहे हैं कि डल्लेवाल की हालत ठीक है तो क्या वो गारंटी ले सकते हैं कि उनको कुछ नहीं होगा? किसी कीमत पर जगजीत डल्लेवाल स्टेज नहीं छोड़ेंगे वो कुर्बानी की राह पर आगे बढ़ चुके हैं। हम 24 घंटे डल्लेवाल की पहरेदारी कर रहे हैं डल्लेवाल भी यही चाहते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया निर्देश
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार से किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर पर पास के अस्थायी अस्पताल में स्थानांतरित करने को कहा है। बता दें कि डल्लेवाल लंबे समय से धरना कर रहे हैं और जिस वजह से उनके स्वास्थ्य में गिरावट दर्ज की जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने ये निर्देश इसलिए दिया क्योंकि इससे डल्लेवाल के स्वास्थ्य की दिन-रात निगरानी की जा सके। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भूइयां की पीठ ने पंजाब सरकार के महाधिवक्ता गुरमिंदर सिंह को ये निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने डल्लेवाल को खनौरी बॉर्डर पर प्रदर्शन स्थल के पास मौजूद अस्थायी अस्पताल में ट्रांसफर करने के संबंध में एक हलफनामा देने को कहा है।
डल्लेवाल के स्वास्थ्य की हो रही जांच
सिंह ने पीठ को सूचित किया कि किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल सहयोग कर रहे हैं और गुरुवार को उनकी ईसीजी एवं खून के नमूने की जांच समेत कई जांच की गईं। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल की स्वास्थ्य की स्थिति फिलहाल स्थिर है। पीठ ने गुरुवार को नागरिक अधिकार कार्यकर्ता इरोम शर्मिला द्वारा चिकित्सा देखरेख में एक दशक से अधिक समय से जारी विरोध प्रदर्शन का उल्लेख किया और पंजाब सरकार से कहा कि वह डल्लेवाल को स्वास्थ्य जांच कराने के लिए राजी करे। पीठ ने पंजाब सरकार की इस बात के लिए खिंचाई की थी कि उसने आमरण अनशन कर रहे डल्लेवाल की चिकत्सीय जांच नहीं कराई।
आमरण अनशन पर बैठे डल्लेवाल
बता दें कि केंद्र पर फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित आंदोलनकारी किसानों की मांगों को स्वीकार करने का दबाव बनाने के उद्देश्य से डल्लेवाल 26 नवंबर से खनौरी बॉर्डर पर आमरण अनशन पर हैं। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन कर रहे किसान सुरक्षा बलों द्वारा उनके दिल्ली कूच को रोके जाने के बाद 13 फरवरी से पंजाब और हरियाणा के बीच शंभू एवं खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं। उपज के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी सहित अपनी मांगों के समर्थन में दिल्ली तक मार्च करने की किसानों की घोषणा के बाद हरियाणा सरकार ने फरवरी में अंबाला-नयी दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग पर अवरोधक लगा दिए थे। (इनपुट- एजेंसी)
यह भी पढ़ें-
भोपाल में आयकर विभाग की रेड: जंगल में खड़ी कार में मिला 52 किलो सोना, 15 करोड़ रुपये