पंजाब में अपनी जमीन खोती जा रही आम आदमी पार्टी को रविवार को नया झटका लगा है। पंजाब विधानसभा में आम आदमी पार्टी से चुनकर गए सुखपाल सिंह खैरा ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। अरविंद केजरीवाल को भेज अपने इस्तीफे में खैरा ने पार्टी और पदाधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस छोड़ आम आदमी पार्टी जॉइन करने वाले खैरा इस समय कपूरथला जिले की भोलथ सीट से चुनकर विधानसभा में पहुंचे हैं।
अपने इस्तीफे में खैरा ने कहा है कि अन्ना हजारे के आंदोलन से उपजी यह पार्टी अपनी विचारधारा और आदर्शों से पूरी तरह से भटक चुकी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा पार्टियों के तौरतरीकों से अलग हटकर शुरू हुई पार्टी से लोगों को बड़ी उम्मीदें थीं। दुनिया के दूसरे लोगों की तरह ही मुझे भी उम्मीद थी कि यह पार्टी राजनीति के भ्रष्टतंत्र को साफ करेगी। यही देखकर दुनिया भर के पंजाबी समुदाय ने मुझे पार्टी से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया था। लेकिन दुर्भाग्य से पार्टी में शामिल होने के बाद मुझे अहसास हुआ कि दूसरी पार्टियों से इस पार्टी में कोई अंतर ही नहीं है। पंजाब चुनावों के बाद मुझे विश्वास हो गया कि पार्टी के भीतर कोई लोकतत्र है ही नहीं।
उन्होंने कहा कि आपको याद होगा कि मैने टिकटों के बंटवारे का सबसे ज्यादा विरोध किया था। मुझे इसमें पैसों के लेनदेन, भाईभतीजावाद और परिवारवाद की सूचना मिली थी। आप भी अपने अतिविश्वास के कारण पंजाबियों की इस सोच को समझ नहीं सके। आपने सिर्फ खुद के द्वारा नियुक्त किए गए सूबेदारों की सुनी पार्टी की नहीं।