चंडीगढ़: चंडीगढ़ नगर निगम पिछले कई दिनों से चर्चा का विषय बना हुआ है। शुरुआत मेयर के चुनाव से हुई थी और मामला सुप्रीम पहुंच गया था। मेयर चुनाव में पहले बीजेपी के उम्मीदवार को विजय घोषित किया गया था लेकिन फिर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने मतगणना अवैध घोषित कर दी थी। दोबारा मतगणना में इंडिया गठबंधन का उम्मीदवार विजय घोषित किया गया था।
आज फाइनेंस एंड कॉन्ट्रैक्ट कमेटी का इलेक्शन हुआ
वहीं आज सोमवार 11 मार्च को नगर निगम की बैठक हुई। आज फाइनेंस एंड कॉन्ट्रैक्ट कमेटी का इलेक्शन होना था। इस कमिटी में 5 मेंबर होते हैं। 5 पदों के लिए 6 पार्षदों ने नामांकन दाखिल कर दिया था। इसमें तीन पार्षद आम आदमी पार्टी के थे और तीन पार्षद बीजेपी के थे। मतदान शुरू होने से पहले ही पार्षदों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इस बैठक में सांसद किरण खेर भी आई थीं, लेकिन हंगामा बढ़ता देख वह चंद मिनटों में ही वापस चली गईं।
बीजेपी को पिछले दो साल में नियमों का ख्याल नहीं हुआ
बैठक शुरू होते ही भाजपा पार्षदों ने पहले कन्फर्मेशन के मिनिट्स को लेकर इलेक्शन नहीं होने दिए। इसके बाद लॉ ऑफिसर ने रूल रेगुलेशन बताए, उसके बाद कंफर्मेशन मिनिट्स के बाद चुनाव होने शुरू हुए। इस दौरान मेयर कुलदीप कुमार ने कहा कि आज भाजपा को सभी नियम कायदे याद आ गए हैं लेकिन पिछले दो सालों में जिस तरह से प्रक्रिया चल रही थी उस समय कुछ नहीं हुआ।
मतदान शुरू होते ही बीजेपी पार्षद ने वापस लिया नाम
भारी हंगामे के बीच जब फाइनेंस एंड कांट्रैक्ट कमेटी के इलेक्शन शुरू हुआ। वार्ड नंबर 1 से आप पार्षद जसविंदर कौर ने वोटिंग की जाने लगी। ऐसे में भाजपा पार्षद जसमनप्रीत ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इसके बाद 5 पदों के लिए पांच ही नामांकन शेष रह गए। इसके बाद फाइनेंस एंड कांटेक्ट कमेटी के मेंबरों में आम आदमी पार्टी के रामचंद्र यादव, जसविंदर कौर और कांग्रेस पार्षद तरुणा मेहता सदस्य बने। वहीं भाजपा के महेश इंद्र सिधू ओर लखबीर सिंह बिल्लू फाइनेंस एंड कांटेक्ट कमेटी के मेंबर बने।