चंडीगढ़ में मेयर चुनाव को लेकर विवाद अभी थमा नहीं था कि अब डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के इलेक्शन पर भी विवाद सामने आ गया है। जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को चंडीगढ़ के डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर का चुनाव होना है। हालांकि, अब तक नए मेयर ने अपना चार्ज नहीं लिया है। इसलिए अब तक इस चुनाव पर सस्पेंस बना हुआ है। इस बीच चुनाव का ये मामला एक बार फिर से कोर्ट के दरवाजे तक पहुंच गया है। आइए जानते हैं पूरी घटना।
क्यों हो रहा है विवाद?
मंगलवार को चंडीगढ़ में होने वाले डिप्टी मेयर और सीनियर डिप्टी मेयर के इलेक्शन पर सस्पेंस बना हुआ है। दूसरी तरफ कांग्रेस के दोनों कैंडिडेट्स हाई कोर्ट चले गए हैं। उनका कहना है कि अगर मेयर का चुनाव पुराने समीकरणों को देखकर हुआ तो ये चुनाव भी वैसे ही हो। 3 पार्षदों के भाजपा में जाने के कारण भाजपा की मेजोरिटी हो गयी है। जिससे वो दोनों सीट्स भाजपा जीत जाएगी।
क्या था सुप्रीम कोर्ट का फैसला?
चंडीगढ़ मेयर चुनाव विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया था। लंबी सुनवाई के बाद कोर्ट ने चुनाव के रिटर्निंग ऑफिसर अनिल मसीह के घोषित किए गए नतीजे को अवैध मानते हुए रद्द कर दिया और आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार कुलदीप कुमार को नया मेयर घोषित किया था। कोर्ट के इस आदेश के बाद अब AAP नेता कुलदीप कुमार चंडीगढ़ के नए मेयर बनेंगे।
अनिल मसीह पर चलेगा मुकदमा
चंडीगढ़ महापौर चुनाव के निर्वाचन अधिकारी अनिल मसीह को मंगलवार को उच्चतम न्यायालय की नाराजगी झेलनी पड़ी थी। शीर्ष अदालत ने उसके समक्ष गलतबयानी करने और मतों की गिनती के दौरान ‘अवैध कार्य’ करने के लिए अधिकारी के खिलाफ आपराधिक मुकदमा चलाने का आदेश दिया।
ये भी पढ़ें- पूर्व CM अमरिंदर सिंह ने हरियाणा के सीएम खट्टर से की अपील, दोषी पुलिसकर्मियों पर हो कार्रवाई
भगवंत मान सरकार बनाए MSP की गारंटी के लिए कानून- शिअद प्रमुख बादल