
पंजाब में हुई कृषि क्रांति में यहां की सिंचाई व्यवस्था का बहुत बड़ा रोल रहा है, लेकिन पिछले कुछ दशकों में भू-जल स्तर की गिरावट और सिंचाई के अपर्याप्त साधनों ने किसानों को गंभीर संकट में डाल दिया है। ऐसे में पंजाब सरकार द्वारा नहरी पानी के वितरण को बढ़ाने के लिए उठाए गए कदम न केवल समय की आवश्यकता हैं, बल्कि ये पंजाब के कृषि क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी बदलाव साबित हो सकते हैं। मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में सरकार ने नहरी पानी के नेटवर्क को मजबूत करने की दिशा में जो पहल की है, वह किसानों के लिए संजीवनी का काम कर रही है। पंजाब सरकार ने 15,914 खातों को बहाल करके टेल एंड तक किसानों को नहरी पानी पहुंचाया।
पंजाब में क्यों गिर रहा है भू-जल स्तर?
पंजाब में कृषि के लिए सिंचाई के मुख्य साधन के तौर पर नहरों और ट्यूबवेल का इस्तेमाल किया जाता है। जहां एक ओर ट्यूबवेल का अधिक उपयोग भू-जल स्तर में गिरावट का कारण बनता जा रहा है, वहीं नहरों से सिंचाई का तरीका ज्यादा टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल है। मौजूदा समय में पंजाब के लगभग 70 प्रतिशत कृषि क्षेत्र की सिंचाई ट्यूबवेलों से हो रही है, जबकि नहरों से केवल 30 प्रतिशत कृषि क्षेत्र को सींचा जा रहा है। भू-जल स्तर के गिरने और सिंचाई के लिए ट्यूबवेलों पर बढ़ती निर्भरता को देखते हुए नहरी पानी का उपयोग बढ़ाना बेहद महत्वपूर्ण है।
नहरी नेटवर्क के विस्तार से होने वाले लाभ
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार ने इस दिशा में कई पहल की हैं। उन्होंने नहरी पानी के नेटवर्क को बढ़ाने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है, जिससे किसानों को हर खेत तक नहरी पानी पहुंचाना सुनिश्चित हो सके। पंजाब सरकार द्वारा की जा रही नई नहरों के निर्माण की परियोजनाएं न केवल सिंचाई के साधनों को सुधारने का काम कर रही हैं, बल्कि भू-जल के संरक्षण में भी मददगार साबित हो रही हैं। पिछली सरकारों की नाकामी के कारण नहरी पानी का उपयोग केवल 68 प्रतिशत ही हो पाता था, लेकिन अब सरकार द्वारा अपनाई गई नेक नीतियों का नतीजा यह है कि इस समय 84 प्रतिशत नहरी पानी के उपयोग को सुनिश्चित किया गया है।
पानी का संतुलन और ‘मालवा नहर’ प्रोजेक्ट
पंजाब के कुछ हिस्सों में पानी का असंतुलन बढ़ता जा रहा है, जैसे कि मालवा क्षेत्र में किसानों को पानी की भारी कमी हो रही है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार ने इस समस्या को हल करने के लिए ‘मालवा नहर’ परियोजना की शुरुआत की है। इस परियोजना के जरिए मालवा क्षेत्र के किसानों को पर्याप्त नहरी पानी मिलेगा, जिससे उनकी कृषि उत्पादकता में सुधार होगा। इस नहर से श्री मुक्तसर साहिब, गिद्दड़बाहा, बठिंडा, अबोहर, फाजिल्का जैसे क्षेत्रों को पर्याप्त पानी मिलेगा, जिससे इन इलाकों के किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और कृषि क्षेत्र में समृद्धि आएगी।
पंजाब के सिंचाई ढांचे का पुनर्निर्माण
पंजाब में नहरों का पुनर्निर्माण और सुधार सरकार की प्रमुख प्राथमिकताओं में शामिल है। राज्य सरकार ने पुराने नहरों के पुनर्निर्माण और नई नहरों के निर्माण को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही अब तक लगभग 4,000 नहरों का पुनर्निर्माण किया जा चुका है, जबकि शेष नहरों पर काम जारी है। पंजाब सरकार ने नहरों के पुनर्निर्माण को इस तरह से किया है कि नहरी पानी का उपयोग अधिकतम हो सके और बर्बादी को रोका जा सके। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान का मुख्य उद्देश्य पंजाब के हर गांव तक नहरी पानी पहुंचाना है, ताकि किसानों को सिंचाई के लिए ट्यूबवेल पर निर्भर होने की आवश्यकता ही न पड़े।
सीएम मान की नीतियों से किसानों को हुआ फायदा
मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार का नहरी पानी पर जोर देना पंजाब के लिए एक ऐतिहासिक कदम साबित हो रहा है। उनकी नीतियों के कारण किसानों को नहरी पानी मिल रहा है, जिससे उनकी सिंचाई की समस्याएं हल हो रही हैं और भू-जल स्तर की गिरावट को नियंत्रित किया जा रहा है। पंजाब सरकार की इन पहलों से न केवल कृषि उत्पादकता में सुधार हो रहा है, बल्कि किसानों की आय में भी वृद्धि हो रही है। ‘गांव-गांव नहरी पानी’ की यह योजना पंजाब के भविष्य के लिए एक मजबूत और स्थिर कृषि ढांचे की ओर कदम बढ़ाती है।
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