पंजाब में टोल-टैक्स शुल्क में कमी की मांग को लेकर लगभग दो सप्ताह से चल रहे विरोध प्रदर्शन के बाद रविवार को एक किसान संगठन के कार्यकर्ताओं ने लाडोवाल टोल प्लाजा के सभी केबिन के दरवाजे बंद कर दिए। लाडोवाल टोल प्लाजा पर 16 जून को भारतीय किसान मजदूर यूनियन के नेतृत्व में विरोध-प्रदर्शन शुरू हुआ था। साथ ही अन्य किसान संगठनों और कुछ टैक्सी यूनियन भी इस प्रदर्शन में शामिल हुईं।
"वित्तीय बोझ पड़ता है"
किसान राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित लाडोवाल टोल प्लाजा पर धरना दे रहे हैं। भारतीय किसान मजदूर यूनियन के अध्यक्ष दिलबाग सिंह ने कहा, ''हमने टोल प्लाजा के सभी केबिन के दरवाजों पर कपड़ा बांधकर सील लगा दी।'' सिंह ने रविवार को एक सभा को संबोधित करते हुए दावा किया कि चार पहिया वाहनों से यात्रा करने वाले यात्रियों को एक सफर करने के लिए 220 रुपये और एक से अधिक यात्राओं के लिए 330 रुपये का भुगतान करना पड़ता है, जिससे उन पर वित्तीय बोझ पड़ता है।
टोल शुल्क घटाने की मांग
टोल प्लाजा पर प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों की मांग है कि कार, जीप या वैन से 24 घंटे की अवधि के लिए यात्रा कर रहे यात्रियों के लिए लिए टोल शुल्क घटाकर 150 रुपये कर दिया जाए। सिंह ने कहा कि उन्होंने पहले ही चेतावनी दी थी कि यदि अधिकारी शनिवार शाम तक टोल दरों को कम करने के आदेश नहीं देते हैं, तो यूनियन टोल बैरियरों को स्थायी रूप से बंद कर देगी। सिंह ने दावा किया कि यह पंजाब का सबसे महंगा टोल प्लाजा है। उन्होंने कहा, ''पिछले 12 महीनों में तीसरी बार टोल शुल्क में बढ़ोतरी की गई है। दरों में लगातार बढ़ोतरी से यात्रियों की जेब पर बोझ पड़ा है।'' (भाषा)
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