देश की राजधानी दिल्ली में लोग एक बार फिर प्रदूषण की मार झेल रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार है। इस बीच, बीजेपी ने सोमवार को पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से राज्य में पराली जलाने के खिलाफ तत्काल कार्रवाई करने की मांग की है। बीजेपी ने पंजाब में पराली जलाने की वजह से दिल्ली की वायु गुणवत्ता पर पड़ने वाले प्रभाव का हवाला दिया।
दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल भगवंत मान से मिलने और प्रदूषण के मुद्दे पर पत्र सौंपने के लिए दिल्ली के कपूरथला हाउस गया। हालांकि, प्रतिनिधिमंडल पंजाब के मुख्यमंत्री से नहीं मिल सका और उन्होंने दिल्ली में पंजाब के रेजिडेंट कमिश्नर के जरिए अपना पत्र सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में वरिष्ठ विधायक और नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता, सांसद बांसुरी स्वराज, मनोज तिवारी, रामवीर सिंह बिधूड़ी शामिल थे।
"राजनीतिक मकसद से नहीं"
पत्र में कहा गया, "हम आज आपको किसी राजनीतिक मकसद से नहीं, बल्कि दिल्ली के जागरुक और चिंतित नागरिकों के तौर पर लिख रहे हैं। जैसा कि आपने पढ़ा और देखा होगा, दिल्ली का एक्यूआई पहले ही 400 को छू चुका है और इसमें सुधार के कोई संकेत नहीं दिख रहे हैं, जैसे-जैसे सर्दी करीब आ रही है यह समस्या और भी बदतर होती जा रही है।" पत्र में दावा किया गया है कि पराली जलाने की घटनाओं में कथित तौर पर कमी आई है, लेकिन 2023 में पराली जलाने का वास्तविक क्षेत्रफल 2022 की तुलना में 26 प्रतिशत बढ़कर 19 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है।
'आप' नेताओं के बयानों को चुनौती
पत्र में दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) के नेताओं के बयानों को चुनौती दी गई है, जिन्होंने दिल्ली में सर्दियों में वायु प्रदूषण की स्थिति बिगड़ने के लिए मुख्य रूप से हरियाणा और उत्तर प्रदेश को जिम्मेदार ठहराया है। बीजेपी ने 'आप' के दावों की वैधता पर सवाल उठाते हुए कहा, "पंजाब में संख्या हरियाणा और उत्तर प्रदेश से कहीं अधिक है।" बीजेपी ने मुख्यमंत्री मान से प्रभावी फसल वितरण तंत्र, गैर-अनुपालन के लिए दंड आदि लागू करने का आग्रह किया। (भाषा)
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