भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक प्रतिनिधिमंडल द्वारा पंजाब की कानून व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताए जाने और पार्टी के उम्मीदवारों को राज्य में चुनाव प्रचार से रोकने का दावा किए जाने के बाद राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) से कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है। प्रदेश भाजपा प्रमुख सुनील जाखड़ की अगुवाई में पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीईओ सिबिन सी को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें दावा किया गया है कि राज्य मशीनरी भाजपा उम्मीदवारों के प्रचार के अधिकार को सुनिश्चित करने में बुरी तरह विफल रही है।
प्रतिनिधिमंडल ने स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के आयोजन और प्रचार के अधिकार पर भी चिंता जताई। उन्होंने राज्य में चुनाव के दौरान अपने उम्मीदवारों की सुरक्षा को लेकर भी आशंका व्यक्त की। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल ने एक विस्तृत शिकायत पत्र दिया और बाद में, सीईओ ने डीजीपी से इस संबंध में एक तथ्यान्वेषी और कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। पंजाब में भाजपा के उम्मीदवारों को किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है, जिसे लेकर पार्टी के प्रदेश प्रमुख जाखड़ ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) से मामले में हस्तक्षेप का आग्रह करते हुए दावा किया कि उम्मीदवारों को प्रचार से रोका जा रहा है।
आप-कांग्रेस के बीच सांठगांठ की आशंका
जाखड़ ने आशंका जताई कि भाजपा के उम्मीदवारों को प्रचार करने से रोकने के लिए सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस तथा शिरोमणि अकाली दल के बीच साठगांठ हो सकती है। भाजपा प्रत्याशी और नेताओं को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार के दौरान किसानों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है। किसान भाजपा नेताओं से सवाल पूछते हैं और मांगों पर सहमत नहीं होने पर उन्हें काले झंडे दिखाते हैं। जाखड़ ने कहा कि प्रचार के लिए समान मंच उपलब्ध कराए बिना चुनावी प्रक्रिया व्यर्थ है। उनके साथ पार्टी नेता परमिंदर बराड़ और विनीत जोशी भी थे।
प्रचार रोकने को मजबूर बीजेपी उम्मीदवार
जाखड़ ने ज्ञापन में कहा कि भाजपा बातचीत में विश्वास करते हुए हमेशा किसानों के अधिकार के लिए खड़ी रहती है, लेकिन पंजाब में भाजपा प्रत्याशी अपने खिलाफ ऐसे अनियंत्रित प्रदर्शनों की वजह से प्रचार रोकने को मजबूर हैं, जिससे अप्रत्याशित परिणाम और हिंसा तथा झड़प की अप्रिय घटनाएं हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि किसान विरोध प्रदर्शन की आड़ में असामाजिक तत्वों के घुसने और उत्पात मचाने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है। जाखड़ के मुताबिक, यदि चुनावी तंत्र भाजपा के खिलाफ इस "सुनियोजित साजिश" को रोकने के लिए हस्तक्षेप नहीं करती है, तो यह चुनाव प्रक्रिया और अंतिम परिणाम दोनों को अनुचित बना देगा।
जाखड़ ने क्या कहा?
प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा कि स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव और प्रचार का अधिकार हमेशा समृद्ध लोकतंत्रों में सर्वोत्कृष्ट घटक रहे हैं। जाखड़ ने कहा, “यह पत्र भगवंत मान के नेतृत्व वाली वाली मौजूदा ‘आप’ सरकार के तहत बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति की पृष्ठभूमि में पंजाब में भाजपा उम्मीदवारों को प्रचार करने के अधिकार से सुविचारित और 'प्रायोजित' तरीके से रोकने की हमारी आशंका को आपके संज्ञान में लाने के लिए है और उसे उजागर करने के लिए है।” उन्होंने कहा, “ यह पंजाब निर्वाचन कार्यालय, राज्य प्रशासनिक और पुलिस तंत्र की जिम्मेदारी है कि वह सुनिश्चित करें कि भाजपा उम्मीदवारों को प्रचार के अपने लोकतांत्रिक अधिकार का उपयोग करने के लिए हर हिस्से तक निर्बाध पहुंच मिले।”
उम्मीदवारों की सुरक्षा को लेकर चिंतित है बीजेपी
जाखड़ ने कहा कि हाल फिलहाल की दर्जनों घटनाओं पर तत्काल ध्यान देने की जरूरत है, जिसमें सबसे ताजी घटना पटियाला की है, जहां भाजपा उम्मीदवार परनीत कौर के चुनाव प्रचार के दौरान एक किसान की सड़क पर गिरने से मौत हो गई है। प्रदेश भाजपा प्रमुख ने कहा, “हमें चुनाव के दौरान हमारे उम्मीदवारों की सुरक्षा को लेकर खतरे की आशंका है। सीईओ कार्यालय भाजपा को प्रचार के अधिकार से रोकने की साजिश पर मूकदर्शक नहीं बना रह सकता है।”
यह भी पढ़ें-
शिवपाल यादव के खिलाफ मुकदमा दर्ज, मायावती को लेकर दिया था विवादित बयान