चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को भाजपा नीत केंद्र सरकार पर ‘पंजाब-विरोधी’ होने का आरोप लगाते हुए कहा कि यदि उसका वश चले तो उसे राष्ट्रगान से ‘पंजाब’ हटाने में भी कोई हिचक नहीं होगी। मान ने केंद्र राज्य का ग्रामीण विकास फंड कथित रूप से रोकने तथा वस्तु एवं सेवा कर संग्रहण में अपना हिस्सा मांगने के लिए मजबूर करने को लेकर केंद्र की आलोचना की।
'बीजेपी सरकार की पंजाब विरोधी मानसिकता'
दो दिवसीय विधानसभा सत्र के पहले दिन पंजाब वस्तु एवं सेवा कर (संशोधन) विधेयक, 20123 को पेश किये जाने के बाद बहस में हिस्सा लेते हुए मान ने आरोप लगाया कि केंद्र की भाजपा सरकार की ‘पंजाब विरोधी मानसिकता’ है। उन्होंने कहा कि पंजाब खाद्यान्न योगदान में देश में सबसे आगे है और वह सेना में सबसे अधिक प्रतिनिधित्व देता है , लेकिन दुख की बात है कि केंद्र ने राज्य की हमेशा उपेक्षा की। उन्होंने कहा, ‘‘हर रोज वे कुछ ऐसा करते हैं जो दर्शाता है कि पंजाब इस देश का हिस्सा नहीं है....भाजपा पंजाब विरोधी है।’’
'बीजेपी के प्रदेश प्रधान ने साधी चुप्पी'
सीएम ने भाजपा को एंटी पंजाब बताते हुए कहा कि जहां इनकी सरकार नहीं है वहां ईडी या सीबीआई को भेज दो। सरकार को परेशान करो। केंद्र ने आरडीएफ का पैसा रोक लिया। नियमों को संशोधित करते भेजा फिर भी फंड जारी नहीं किया। मन कहता हैं एमएसपी बंद कर दो तो कभी कर्ज देना बंद कर देंगे। पराली जलाने पर किसानों पर पर्चे दर्ज कर दो जैसे अकेले पंजाब में ही पराली जलाई जाती हो और इस पर भाजपा के प्रदेश प्रधान चुप्पी साधे हुए है।
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