चंडीगढ़ः पंजाब में निजी गोदामों को गेहूं क्रय केंद्र घोषित किए जाने के फैसले की विभिन्न किसान संगठनों द्वारा आलोचना किये जाने के बाद राज्य सरकार ने अपना यह आदेश मंगलवार को वापस ले लिया। सरकार द्वारा फैसला वापस लिए जाने के कुछ ही घंटे पहले दो किसान संगठनों ने घोषणा की थी कि वे पंजाब में निजी गोदामों को गेहूं क्रय केंद्र घोषित किए जाने के फैसले के खिलाफ रविवार को विरोध-प्रदर्शन करेंगे।
पंजाब मंडी बोर्ड ने दी ये जानकारी
पंजाब मंडी बोर्ड के अध्यक्ष हरचंद सिंह बरसट ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान ने निजी गोदामों को गेहूं क्रय केंद्र घोषित किए जाने का आदेश रद्द करने का निर्देश दिया है। किसानों की मांगों को देखते हुए यह फैसला लिया गया। बरसट ने कहा कि गोदामों का उपयोग केवल भंडारण के लिए किया जाएगा।
इसलिए विरोध कर रहे थे किसान संगठन
इससे पहले, संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा(केएमएम) ने कहा था कि निजी गोदामों को गेहूं क्रय केंद्र घोषित करने के फैसले से अनाज मंडी बेकार हो जाएंगी तथा वे इस कदम के विरोध में सात अप्रैल को केंद्र और पंजाब सरकार के पुतले फूंकेंगे। राज्य सरकार ने एक अप्रैल से शुरू हुए रबी फसल खरीद सत्र के मद्देनजर 15 मार्च को 11 निजी गोदामों को गेहूं खरीद केंद्र घोषित किया था।
बता दें कि संयुक्त किसान मोर्चा (गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा(केएमएम) किसानों की मांग को लेकर आवाज सरकार तक उठाता रहता है। किसान संगठनों ने केंद्र सरकार के खिलाफ भी प्रदर्शन का ऐलान किया था।
इनपुट-भाषा