पंजाब में मान सरकार ने प्रदेश में 153 पंचायत समितियों में से 76 भंग कर दिया है। पंचायत समितियों को उनके पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद भंग किया गया। इस संबंध में पंजाब सरकार की ओर से एक नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया गया है। जानकारी के मुताबिक पंजाब में 13 हजार ग्राम पंचायतें पहले ही भंग हो चुकी हैं। जिन पंचायत समितियों को भंग किया गया उनका 10 से 11 सितंबर के बीच समाप्त हो गया था।
इससे पहले फरवरी महीने में राज्य सरकार ने सभी पंचायतों को भंग कर दिया था। पंजाब में इससे पहले साल 2018 में पंचायतों के चुनाव हुए थे, उस दौरान राज्य में कांग्रेस सरकार शासन में थी। उसी दौरान 13,276 सरपंच व 83,831 पंचों का चुनाव हुआ था।
चुनाव होने तक पंचायतों का कामकाज डीडीपीओ देखेंगे
अक्टूबर के अंत में समितियों के चुनाव कराए जाने की तैयारी की जा रही है। अब जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी (डीडीपीओ) चुनाव होने तक पंचायतों का कामकाज देखेंगे। जानकारी दे दें कि पंजाब पंचायती राज अधिनियम की धारा 114-ए के तहत, राज्य सरकार ने भंग पंचायत समितियों की जिम्मेदारी संभालने के लिए जिला विकास और पंचायत अधिकारियों (डीडीपीओ) को प्रशासक नियुक्त किया है। नियुक्त डीडीपीओ अगली सूचना तक इन समितियों के काम की जिम्मेदारी संभालेंगे।
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