पंजाब: बठिंडा मिलिट्री स्टेशन के भीतर गोलीबारी की घटना में भारतीय सेना के चार जवान शहीद हो गए। घटना बुधवार के सुबह की है। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में, एक तोपखाने इकाई के चार सेना के जवानों ने घटना के दौरान लगी बंदूक की गोली से दम तोड़ दिया। सेना के बयान में कहा गया है कि अन्य किसी कर्मी को कोई अन्य चोट या संपत्ति के नुकसान या क्षति की सूचना नहीं है। सिर्फ चार जवानों को गोली लगी है।
सेना ने कहा है कि गोलीबारी में चार जवान शहीद हो गए हैं। इस घटना के पीछे दो लोग हैं जो सादे कपड़ों में आए थे, जिनकी अभी तक पहचान या गिरफ्तारी नहीं हुई है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा और पता चल सकेगा कि आखिर क्यों उन्होंने ऐसी घटना को अंजाम दिया है।
मिलिट्री स्टेशन से गायब हुईं थीं गोलियां और रायफल
सेना ने बयान जारी कर बताया है कि मिलिट्री स्टेशन में हुई फायरिंग के दो दिन पहले एक इंसास राइफल और 28 राउंड गोलियां गायब हुई थींं और कहा जा रहा है कि इसी रायफल से गोली चलाए की आशंका है। सेना का कहना है कि घटना के हर पहलू की जांच की जा रही है।
बठिंडा के एसएसपी गुलनीत खुराना ने कहा कि रक्षा प्रतिष्ठान द्वारा साझा की गई जानकारी के अनुसार, इस समय किसी आतंकी खतरे का संदेह नहीं है। उन्होंने कहा कि सैन्य स्टेशन के अधिकारियों द्वारा अभी तक पीड़ितों की पहचान की पुष्टि नहीं की गई है। खुराना ने कहा, "प्रारंभिक जानकारी में कहा गया है कि सेना के कुछ लोगों ने दूसरों पर अंधाधुंध गोलियां चलाईं। प्रारंभिक तौर पर किसी तोड़फोड़ की आशंका नहीं है, लेकिन विवरण की प्रतीक्षा है।"
वहीं, पंजाब की मंत्री अनमोल गगन मान ने कहा, "यह एक आंतरिक लड़ाई का मामला है। मैंने एसएसपी से बात की है और जांच चल रही है।"
बता दें कि देश में सबसे बड़ा रक्षा प्रतिष्ठान होने के नाते, सैन्य स्टेशन राष्ट्रीय राजमार्ग -7 के साथ चंडीगढ़-फाजिल्का खंड पर स्थित है। बठिंडा सैन्य स्टेशन एशिया का सबसे बड़ा सैन्य अड्डा है और सेना के मुख्यालय 10 कोर हाउस भी है। इतना ही नहीं, यहां 'चेतक' रक्षा वाहिनी तैनात रहते हैं जो दक्षिण पंजाब और उत्तर राजस्थान में पाकिस्तान के साथ भारत की सीमा की रक्षा के लिए जिम्मेदार हैं।