पंजाब: खालिस्तान के समर्थक और निर्दलीय उम्मीदवार अमृतपाल का चुनाव चिन्ह होगा माइक, जानें अन्य उम्मीदवारों का निशान
पंजाब: खालिस्तान के समर्थक और निर्दलीय उम्मीदवार अमृतपाल का चुनाव चिन्ह होगा माइक, जानें अन्य उम्मीदवारों का निशान
अमृतपाल सिंह के चुनाव मैदान में प्रवेश के साथ पंजाब के सिख बहुल संसदीय क्षेत्र खडूर साहिब में एक दिलचस्प चुनावी संघर्ष देखने को मिल रहा है। इस सीट को शिरोमणि अकाली दल का गढ़ माना जाता है। खडूर साहिब की चुनावी लड़ाई पंचकोणीय है।
Edited By: Shakti Singh Updated on: May 19, 2024 22:25 IST
पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे कट्टरपंथी उपदेशक अमृतपाल सिंह को 'माइक' चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है। 'वारिस पंजाब दे' संगठन का प्रमुख अमृतपाल राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। अमृतपाल राज्य में चुनाव लड़ रहे कुल 328 उम्मीदवारों में से उन 169 निर्दलीय उम्मीदवारों में शामिल हैं, जिन्हें चुनाव चिह्न आवंटित किए गए हैं। फरीदकोट (सुरक्षित) निर्वाचन क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे सरबजीत सिंह खालसा को 'गन्ना किसान' चुनाव चिह्न आवंटित किया गया है। सरबजीत दिवंगत प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारों में से एक बेअंत सिंह का बेटा है।
पंजाब के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) सिबिन सी.ने रविवार को कहा कि पंजाब की 13 लोकसभा सीट के लिए चुनाव लड़ रहे 328 उम्मीदवारों को भारत के निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार जिला चुनाव अधिकारियों द्वारा चुनाव चिह्न आवंटित किए गए हैं। निर्दलीय उम्मीदवारों को आवंटित चुनाव चिह्नों में हारमोनियम, डम्बल, सेब, चिमटा, हॉकी और गेंद, स्टूल, जहाज, गैस सिलेंडर, बैटरी टॉर्च, अलमारी, कंप्यूटर, बल्लेबाज, बल्ला, ट्रक, खाट, फूलगोभी, पेट्रोल पंप, टेलीविजन, लैपटॉप, ऑटो रिक्शा, प्रेशर कुकर, प्लास्टरिंग ट्रॉवेल, बांसुरी, हीरा, रोड रोलर, लेटरबॉक्स, चिमनी और सिलाई मशीन शामिल हैं।
किस सीट से कितने निर्दलीय
सीईओ ने बताया कि गुरदासपुर से 14 निर्दलीय सहित 26 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि अमृतसर में 30 उम्मीदवारों में से 18 निर्दलीय और खडूर साहिब सीट पर 27 उम्मीदवारों में से 18 निर्दलीय उम्मीदवार चुनावी किस्मत आजमा रहे हैं। जालंधर सीट पर 20 उम्मीदवारों में से आठ निर्दलीय हैं, जबकि होशियारपुर में 16 में से चार निर्दलीय उम्मीदवार हैं। आनंदपुर साहिब में कुल 28 उम्मीदवारों में से 13 और लुधियाना में 43 उम्मीदवारों में से 26 निर्दलीय उम्मीदवार हैं। फतेहगढ़ साहिब में कुल 14 उम्मीदवारों में से सात निर्दलीय हैं, जबकि फरीदकोट में कुल 28 में से 12 निर्दलीय उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं। फिरोजपुर से 17 निर्दलीय सहित कुल 29 उम्मीदवार चुनाव लड़ रहे हैं। बठिंडा में 18 उम्मीदवारों में से आठ और संगरूर में 23 उम्मीदवारों में से नौ निर्दलीय उम्मीदवार हैं। पटियाला में चुनाव लड़ रहे 26 उम्मीदवारों में से 15 निर्दलीय हैं।
खडूर साहिब में एक दिलचस्प मुकाबला
अमृतपाल सिंह के चुनाव मैदान में प्रवेश के साथ पंजाब के सिख बहुल संसदीय क्षेत्र खडूर साहिब में एक दिलचस्प चुनावी संघर्ष देखने को मिल रहा है। इस सीट को शिरोमणि अकाली दल का गढ़ माना जाता है। खडूर साहिब की चुनावी लड़ाई पंचकोणीय है। शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने पूर्व विधायक विरसा सिंह वल्टोहा को मैदान में उतारा है, जबकि परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर आम आदमी पार्टी (आप) के उम्मीदवार हैं। कांग्रेस ने पूर्व विधायक कुलबीर सिंह जीरा और भाजपा ने मंजीत सिंह मियांविंड को अपना उम्मीदवार बनाया है। खडूर साहिब निर्वाचन क्षेत्र को 'पंथिक' सीट के रूप में जाना जाता है और इसमें सभी तीन क्षेत्रों- माझा, मालवा और दोआबा के मतदाता शामिल हैं। इसमें नौ विधानसभा क्षेत्र हैं- जंडियाला, तरनतारन, खेम करण, पट्टी, खडूर साहिब, बाबा बकाला, कपूरथला, सुल्तानपुर लोधी और जीरा। सात विधानसभा क्षेत्रों पर ‘आप’ का कब्जा है, जबकि एक सीट कांग्रेस और एक निर्दलीय के पास है।
शिरोमणि अकाली दल के उम्मीदवार रतन सिंह अजनाला और रणजीत सिंह ब्रह्मपुरा ने क्रमश: 2009 और 2014 के आम विधानसभा चुनावों में खडूर साहिब सीट जीती थी। हालांकि शिअद उम्मीदवार एवं पूर्व शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) प्रमुख बीबी जागीर कौर 2019 के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस उम्मीदवार जसबीर सिंह डिम्पा से हार गईं। मानवाधिकार कार्यकर्ता जसवंत सिंह खालरा की पत्नी परमजीत कौर खालरा ने भी इस सीट से 2019 का चुनाव लड़ा था और उन्हें महज 20 प्रतिशत वोट हासिल हुआ था और वह हार गयी थीं।
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