चंडीगढ़ में मेयर पद के लिए चुनाव आयोजित किए जाने हैं। इसलिए क्षेत्र की सियासत काफी गर्म है। चुनावी सीजन में ही बीते दिनों आम आदमी पार्टी के एक पार्षद ने बाजपा का दामन थाम लिया था। इस घटना के बाद AAP को डर है कि उसे बाकी पार्षदों को भी चुनाव से पहले तोड़ा जा सकता है। ऐसे में पार्टी ने अपने 12 पार्षदों को पंजाब के एक रिजॉर्ट में शिफ्ट कर दिया है। यहां पर पार्षद पंजाब सरकार की निगरानी में हैं।
18 को मेयर पद के लिए चुनाव
चंडीगढ़ में मेयर पद के लिए चुनाव का आयोजन 18 जनवरी को किया जाएगा। इसके लिए 13 जनवरी तक नामांकन दाखिल होंगे। बता दें कि शहर के मेयर समेत नियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का पद एक साल की अवधि के लिए होता है। वर्तमान में भाजपा के अनूप गुप्ता यहां पर मेयर हैं जिनका कार्यकाल 17 जनवरी को समाप्त होने जा रहा है।
पार्टी को टूट का डर
बुधवार को चंडीगढ़ के आम आदमी पार्टी के पार्षद लखबीर सिंह बिल्लू ने AAP को छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया था। बता दें कि लखबीर सिंह वार्ड नंबर 31 से पार्षद हैं। ऐसे में AAP को डर सता रहा है कि पार्टी के और भी पार्षद टूट सकते हैं। इसके साथ ही पार्टी को कांग्रेस के 6 पार्षदों के साथ आने की उम्मीद भी है। इसलिए पार्टी ने अपने पार्षदों को पंजाब शिफ्ट कर दिया है।
समझें मेयर चुनाव का गणित
चंडीगढ़ मेयर चुनाव में कुल 35 पार्षद वोटिंग करेंगे। वर्तमान में भाजपा के पास 15 पार्षद और एक सांसद की भी वोट है। वहीं, आम आदमी पार्टी के पास 14 पार्षद थे जिनमें से एक कम हो गया है। कांग्रेस के पास 6 पार्षद तो वहीं, अकाली दल के पास में 1 पार्षद है। बहुमत के लिए 18 वोट चाहिए जिनमें सबसे ज्यादा भाजपा के पास 16 वोट हैं।
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