Tuesday, March 25, 2025
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45 लाख रुपये खर्चे, अमेरिका पहुंचते ही पुलिस ने पकड़ा, 15-18 दिन कैंप में रखा, अमेरिका से लौटे सौरव ने बताया दर्द

सौरव के माता-पिता ने जमीन बेचकर उसे अमेरिका भेजा था। उन्होंने रिश्तेदारों से पैसे भी लिए थे। ऐसे में सौरव ने सरकार से मदद मांगी है।

Edited By: Shakti Singh
Published : Feb 16, 2025 13:57 IST, Updated : Feb 16, 2025 13:57 IST
Sourav
Image Source : X/ANI अमेरिका से लौटे सौरव

अमेरिका द्वारा निर्वासित कर शनिवार रात सी-17 विमान से अमृतसर हवाई अड्डे भेजे गए 116 अवैध भारतीय प्रवासियों में शामिल सौरव ने भारत सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने बताया कि उनके माता-पिता ने जमीन बेचकर और रिश्तेदारों से पैसे लेकर उन्हें अमेरिका भेजा था। इसमें 45 लाख रुपये लगे थे। अब उनके वापस आने पर पैसे चुकाने का जरिया नहीं बचा है। ऐसे में उन्होंने सरकार से मदद मांगी है।

सौरव ने कहा, "मैं 27 जनवरी को अमेरिका में दाखिल हुआ था। अमेरिका में दाखिल होने के 2-3 घंटे के भीतर ही पुलिस ने हमें पकड़ लिया। वे हमें पुलिस स्टेशन ले गए और 2-3 घंटे बाद हमें एक कैंप में ले जाया गया। हम 15-18 दिनों तक कैंप में रहे। हमारी बात सुनने वाला कोई नहीं था। दो दिन पहले हमें बताया गया कि हमें दूसरे कैंप में भेजा जा रहा है। जब हम फ्लाइट में सवार हुए, तो हमें बताया गया कि हमें वापस भारत भेजा जा रहा है।"

जमीन बेचकर जुटाए थे पैसे

सौरव ने बताया "मैंने वहां जाने के लिए करीब 45 लाख रुपये खर्च किए। मेरे माता-पिता ने हमारी जमीनें बेच दीं और इस प्रक्रिया के लिए रिश्तेदारों से पैसे उधार लिए। मैं सरकार से मदद चाहता हूं क्योंकि मेरे माता-पिता ने हमारी जमीनें बेच दीं और लोन लिया, लेकिन वह सब बेकार गया। मैंने 17 दिसंबर को भारत छोड़ा। सबसे पहले, मैं मलेशिया गया, जहां मैं एक हफ्ते तक रहा; फिर अगली फ्लाइट से मुंबई गया, जहां मैं 10 दिनों तक रहा। मुंबई से, मैं एम्स्टर्डम गया, फिर पनामा से तापचूला और फिर मैक्सिको गया। मेक्सिको सिटी से हमें सीमा पार करने में 3-4 दिन लग गए। हमने अमेरिकी अधिकारियों के साथ सहयोग किया, लेकिन फिर भी, किसी ने हमारी अपील नहीं सुनी। हमारे हाथ-पैर बंधे हुए थे। जब हम कैंप में थे, तब हमारे मोबाइल फोन जब्त कर लिए गए थे, और घर पर हमारा कोई संपर्क नहीं था। मैं अमेरिकी सरकार से क्या कह सकता हूँ? उन्होंने सब कुछ नियमों के अनुसार किया।"

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